पहलगाम। इस साल की पवित्र अमरनाथ यात्रा अब अंतिम चरण में है। बुधवार को पवित्र छड़ी मुबारक दशनामी अखाड़ा श्रीनगर से पहलगाम पहुंची। पूरे रास्ते में हर तरफ हर-हर महादेव के जयकारे लगे। सुरक्षा के कड़े प्रबंध किए गए हैं।
महंत गिरि ने बताया कि छड़ी मुबारक की यात्रा परम्परागत मार्ग से ही होगी। चंदनवाड़ी, शेषनाग, पंचतरणी में एक-एक रात्रि पड़ाव होगा। श्रावण पूर्णिमा पर 19 अगस्त को रक्षाबंधन के दिन छड़ी मुबारक पवित्र गुफा में पहुंचेगी। इस दिन यहां वैदिक मंत्रोचारण के साथ पूजन होगा। इसके बाद लिद्दर नदी किनारे छड़ी मुबारक का विसर्जन होगा। इसके बाद महात्माओं के भोज के साथ अमरनाथ यात्रा संपन्न होगी।
इस अवसर पर डीसी अनंतनाग डॉ. सैयद फखरुद्दीन हामिद, एसएसपी अनंतनाग डॉ. जीवी संदीप चक्रवर्ती, एसडीएम बिजबेहरा तनवीर अहमद, सीएमओ अनंतनाग डॉ. एमवाई जागू सहित अन्य अधिकारी मौजूद रहे।
यह अमरनाथ यात्रा का अंतिम अनुष्ठान : महंत दीपेंद्र गिरि
महंत दीपेंद्र गिरि ने कहा कि यह अमरनाथ यात्रा का अंतिम अनुष्ठान है। वहीं, उन्होंने तीर्थयात्रियों की मदद और भाईचारे तथा सांप्रदायिक सद्भाव का संदेश फैलाने के लिए स्थानीय लोगों की सराहना की।
महंत दीपेंद्र गिरि ने कहा कि यह अमरनाथ यात्रा का अंतिम अनुष्ठान है। वहीं, उन्होंने तीर्थयात्रियों की मदद और भाईचारे तथा सांप्रदायिक सद्भाव का संदेश फैलाने के लिए स्थानीय लोगों की सराहना की।
पहलगाम मार्ग कई दिनों से बंद
यहां गौरतलब है कि अमरनाथ यात्रा का परम्परागत मार्ग पहलगाम से है। हर साल लाखों यात्री पहलगाम, चन्दनबाड़ी, शेषनाग, पंजतरणी होते हुए गुफा के दर्शन करते हैं और फिर बालटाल से नीचे उतरते हैं। इससे पूरी परिक्रमा भी हो जाती है। भगवान शिव माता पार्वती को पहलगाम मार्ग से ही लेकर गुफा तक आए थे। गत दिनों बरसात में रास्ता क्षतिग्रस्त होने के कारण पहलगाम रूट से यात्रा बंद कर दी गई, जो अब तक बहाल नहीं हुई है। यात्रियों को बालटाल रूट से भेजा जा रहा था। लेकिन अब छड़ी मुबारक की यात्रा में शामिल सन्तों एवं श्रद्धालुओं को पहलगाम मार्ग से भेजने के लिए विशेष बंदोबस्त किए गए हैं।
साईं बर्फानी के पोस्टर रहे चर्चा में
इस बार अमरनाथ यात्रा मार्ग में ‘साईं बर्फानी’ के पोस्टरों की बिक्री को लेकर विवाद सामने आया। यात्रा के शुरुआती दिनों में शेषनाग कैम्प में मुस्लिम दुकानदारों द्वारा बाबा बर्फानी की तस्वीर वाले पोस्टर बेचे जा रहे थे, उन पर साईं बर्फानी लिखा था। कुछ श्रद्धालुओं की इस पर नजर पड़ी तो उनमें रोष फैल गया। उन्होंने ‘साईं’ शब्द पर आपत्ति जताते हुए विरोध दर्ज कराया। बताया जाता है कि 6 जुलाई को जब शेषनाग में बारिश की वजह से यात्रा रोक दी गई और टेंट किराया वसूली को लेकर यात्री विरोध प्रदर्शन कर रहे थे, तब भी यह मुद्दा उठा था। दिल्ली निवासी यात्री दीपक पाटकर ने वीडियो कॉल के जरिए श्राइन बोर्ड के अधिकारियों एवं कैम्प अधिकारियों के समक्ष ऐसे पोस्टरों की बिक्री का विरोध किया था।
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