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अब नेपाल ने अपने यहां कोरोना फैलने को लेकर भारत पर जड़ा आरोप

नई दिल्ली। हमारा पड़ोसी नेपाल को पिछले कुछ दिनों से भारत से इतनी चिढ़ क्यों होती जा रही है ? वह जिस प्रकार से भारत के प्रति जिस भाषा का इस्तेमाल कर रहा है वह यह बताता है कि अब नेपाल भारत से दो-दो हाथ करने के लिए जैसे तैयार हो रहा हो। अभी कुछ दिनों पहले ही नेपाल ने सीमा विवाद को लेकर भारत पर कई बेबुनियाद आरोप लगाए थे। सीमा विवाद का मामला अभी भी गरमाया हुआ है। अब नेपाल ने अपने यहां कोरोना महामारी फैलने को लेकर भारत पर आरोप मढ़ दिया है।

नेपाल के प्रधानमंत्री केपी शर्मा ओली ने बुधवार को फिर कहा है कि नेपाल में 85 फीसदी कोरोना वायरस के मामले भारत से आए हैं। इससे पहले भी ओली ने ऐसा कहा कि था नेपाल को इतना खतरा इटली और चीन से आने वाले कोरोना मामलों से नहीं है, जितना भारत से आने वाले लोगों से। हम आपको बता दें नेपाल मेंं इस महामारी के कुल मामलों की संख्या 4085 तक पहुंच गई है, जबकि इस वायरस से मरनेे वालों की संख्या 15 हो गई है।

भारत में अवैध तरीके से लोग यहां आते हैं

नेपाल के प्रधानमंत्री इससे काफी समय से भारतीयों पर अपने यहां घुसपैठ करने के भी आरोप लगा चुके हैं। जबकि यह जगजाहिर है कि नेपाल से लाखों की संख्या में भारत में लोग व्यापार, काम-धंधे और नौकरी की तलाश में भारत में लाखों लोग आकर रह रहे हैं। नेपाल के प्रधानमंत्री का यह बयान समझ से परे है।

पिछले दिनों कोरोना वायरस के हालात को लेकर देश को संबोधित करते नेपाल की पीएम केपी शर्मा ने पहले कहा था कि नेपाल में दक्षिण एशिया के दूसरे देशों की तुलना में मृत्युदर काफी कम है। उन्होंने आगे आरोप लगाया है कि भारत से अवैध तरीके से लोग नेपाल में दाखिल हो रहे हैं। ओली ने कहा कि बिना सही से चेकिंग के नेपाल में दाखिल होने की वजह से कोरोना और ज्यादा फैल रहा है।

नेपाल को कौन भड़का रहा है?

नेपाल भारत के प्रति जो रवैया दिखा रहा है वह साफ संकेत देता है कि यह उसकी आदत और आचरण नहीं हो सकती है। नेपाल और भारत की मित्रता वर्षों पुरानी रही है। दोनों देश एक-दूसरे के यहां बिना पासपोर्ट के ही आते जाते रहते हैं। भारत की ओर से कोई ऐसा भी बयान नहीं इस पर नेपाल की नाराजगी समझी जा सके बल्कि हमारा देश तो नेपाल की हर मोर्चे पर मदद ही करता दिखाई देता है। नेपाल इस समय चीन और पाकिस्तान के चंगुल में फंसकर भारत के प्रति मुसीबत खड़ी कर रहा है।

यही नहीं बुधवार को नेपाली संसद ने देश के नए नक्शे को मंजूरी दे दी जिसमें लिपुलेख, कालापानी और लिम्पियाधुरा समेत भारत के 395 किमी इलाके को नेपाल ने अपने क्षेत्र में दिखाया है। कानून, न्याय और संसदीय मामलों के मंत्री शिवमाया थुम्भांगफे ने देश के नक्शे में बदलाव के लिए संविधान संशोधन विधेयक पर चर्चा के लिए इसे पेश करना यह बताता है कि नेपाल सीमा विवाद को लेकर भारत से झुकने के लिए तैयार नहीं है।