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अब नहीं बढ़ेगी पेट्रोल की कीमत, ये हैं खास वजहें

नई दिल्ली। पेट्रोल की बढ़ी कीमत से परेशान देशवासियों के लिए राहत की बात है। अंतरराष्ट्रीय मार्केट में भले ही कच्चे तेल के दाम में बढ़ोतरी हो जाए लेकिन मोदी सरकार पेट्रोल और डीजल के दाम अब नहीं बढ़ने देगी। पिछले दो महीने में तेल की कीमतों में स्थिरता से साबित होता है कि मोदी सरकार अब इस दिशा में सतर्क हो गई है।

कच्चे तेल के दामों में तेजी के बावजूद उत्तर प्रदेश और गुजरात चुनाव के चलते पिछले दो महीनों में पेट्रोल और डीजल के दाम में बढ़ोतरी नहीं की गई। एटीएफ के दाम पिछले 2 महीनों में 7 रुपए प्रति लीटर तक बढ़ गए। अगस्त के बाद से दरों में लगातार तीसरी बार वृद्धि हो चुकी है।
लेकिन सरकार ने पेट्रोल की कीमतें नहीं बढ़ने दीं। शनिवार को फिर ए.टी.एफ. की कीमतों में 6 फीसदी की बढ़ोतरी हुई है लेकिन पेट्रोल की कीमतों में बढ़ोतरी नहीं कि गई है।

ये हैं कारण

शुक्रवार को बीजेपी ने उत्तर प्रदेश के निकाय चुनावों में जीत हासिल की। इसके बाद गुजरात में 9 और 14 दिसंबर को चुनाव होंगे। विधानसभा चुनावों का सिलसिला अगले की शुरुआत से दोबारा चालू हो जाएगा। मार्च में उत्तर-पूर्व के मेघालय, मिजोरम और त्रिपुरा विधानसभाओं के कार्यकाल समाप्त हो रहे हैं।

उत्तर-पूर्व के चुनाव खत्म होते ही कर्नाटक में चुनाव होने हैं।

कर्नाटक चुनाव खत्म होने के कुछ महीने बाद ही भाजपा शासित तीन बड़े राज्य मध्यप्रदेश, छत्तीसगढ़ और राजस्थान में विधानसभा चुनाव होंगे। इन तीनों राज्योें के बाद सीधे आम चुनाव यानी लोकसभा की बारी आएगी।

71 रुपए वाला पेट्रोल 38 तक हो जाएगा 

वोटबैंक बचाने के लिए सरकार पेट्रोल-डीजल को जीएसटी के दायरे में लाने का मन बना रही है। अगर एेसा हुआ तो वर्तमान में लगने वाला 57 फीसद टैक्स घटकर केवल 18 फीसदी रह जाएगा। 39 प्रतिशत का अंतर जनता के लिए बहुत बड़ी राहत होगा।

दिल्ली में शुक्रवार को एक लीटर पेट्रोल की कीमत 69.24 रुपए है, जो सबसे ऊंचे स्लैब यानी 28 जीएसटी के तहत भी महज 41.68 रुपए (लगभग) होती। अगर इसे 12 प्रतिशत के जीएसटी स्लैब में रखा गया होता तो कीमत सिर्फ 32.92 रुपए(लगभग) प्रति लीटर होगी।