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अफगानिस्तान में अशांति का असर दुनियाभर पर


संयुक्त राष्ट्र। भारत ने कहा कि दुनियाभर में आतंकी हमलों की बढ़ती घटनाओं को देखते हुए वैश्विक समुदाय को युद्धग्रस्त अफगानिस्तान से अंतरराष्ट्रीय सैनिकों की वापसी की फिर से समीक्षा करने की जरूरत बताई है।

संयुक्त राष्ट्र में भारत के स्थायी प्रतिनिधि अशोक मुखर्जी ने संयुक्त राष्ट्र महासचिव वान की मून की रिपोर्ट का हवाला दिया, जिसमें कहा गया है कि आतंकवाद अफगानिस्तान में असुरक्षा और अस्थिरता की मुख्य वजह है।

उन्होंने कहा कि अफगानिस्तान में सुरक्षा की स्थिति अब भी भारत के लिए चिंता की मुख्य वजह है। मुखर्जी ने सुरक्षा परिषद से इस्लामिक स्टेट (आईएस) और तहरीक-ए-तालिबान पाकिस्तान जैसे आतंकवादियों संगठनों को पंगु बनाने के लिए कदम उठाने का आग्रह किया है।

उन्होंने इस बात पर बल दिया कि सुरक्षा परिषद पर इस बात को सुनिश्चित करने की विशेष जिम्मेदारी है कि अफगानिस्तान की स्थिति से विश्व शांति और सुरक्षा से जुड़े खतरों से प्राथमिकता के साथ निपटा जाए। ताकि अफगानिस्तान में 2015 के बाद के विकास एजेंडा को प्रभावी ढंग से लागू किया जा सके।
मुखर्जी ने कहा,’ बेरूत, सीरिया और पेरिस में हाल में हुए हमले चरमपंथ और आतंकवाद के दायरे में हुई वृद्धि की तरफ इशारा करते हैं। हम लोग सुरक्षा परिषद से तात्कालिकता की भावना के साथ ही निश्चित समयावधि के अंदर अंतरराष्ट्रीय शांति और सुरक्षा के लिए खतरे के खिलाफ कार्रवाई करने का आग्रह करते हैं।’