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अनजान नंबरों से आए फोन, तो सिर्फ 3 सेकंड में बैंक खाते साफ

फगवाड़ा। सावधान कहीं आपको भी 375, 371, 381, 563, 370, 255 इत्यादि कोड वाले नंबरों से मोबाइल पर अज्ञात लोगों के गुमनाम साइलेंट फोन तो नहीं आ रहे है? यदि ऐसा है तो आप सावधान हो जाएं क्योंकि यह आपके साथ बड़ा धोखा होने की शुरूआत हो सकती है।

फगवाड़ा के एक जाने-माने उद्योगपति को हाल ही में इसी प्रकार के नंबरों से अज्ञात लोगों द्वारा फोन किए गए हैं लेकिन सौभाग्य यह रहा है कि उद्योगपति ने समझदारी से किसी भी कॉल का जवाब नहीं दिया है।

जानकारों की राय में ऐसे अज्ञात साइलेंट फोन विदेशों में खासकर सर्बिया, बेलारूस, लाटिवा, तंजानिया इत्यादि में साइबर ठगों द्वारा मासूम लोगों को टारगेट कर किए गए हो सकते है। ऐसा फोन आने के उपरांत यदि व्यक्ति इनको मोबाइल फोन उठाकर जवाब देता है या चुपचाप फोन के हैंग होने पर दूसरी ओर से किसी के बोलने का इंतजार कर रहा है तो यह महज 3 सेकंड में आपके फोन को हैक कर इसमें मौजूद बैंक खाते की डिटेल इत्यादि जिसमें क्रेडिट कार्ड, डेबिट कार्ड, नेट बैंकिंग सभी शामिल है को खाली कर सकते हैं।

 

शातिर ठग सॉफ्टवेयर से सिम कार्ड को कर रहे कापी

जानकारों का तर्क है कि ऐसे शातिर ठग सॉफ्टवेयर के माध्यम से सिम कार्ड को कापी करने के उपरांत आपके कापी किए गए सिम का प्रयोग कर किसी भी प्रकार की आपराधिक गतिविधि को अंजाम दे आपको मुसीबत में डाल सकते हैं।

इसलिए बेहतर होगा कि आप सतर्क रहें और यदि आपको अज्ञात लोगों द्वारा साइलेंट अथवा मिस्ड कॉल बार-बार इन्हीं नंबरों से अथवा किसी एक विशेष नंबर से आ रही है तो उसे किसी भी सूरत में उठाने का जोखिम न लें और इसे तुरंत ब्लॉक कर दें और इसकी सूचना पुलिस अधिकारियों अथवा पुलिस के साइबर सैल को दें अन्यथा ऐसा न हो कि आपकी गाढ़ी कमाई और बैंक में मौजूद बैंक खातों को यह साइबर ठग पलक झपकते ही साफ कर जाए।

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क्या कहते हैं पुलिस अधिकारी

मामले को लेकर कई सीनियर पुलिस अधिकारियों ने कहा कि वर्तमान युग में साइबर ठगी होना आम बात होती चली जा रही है। पुलिस के एक बड़े अधिकारी ने अपना नाम न छापने की शर्त पर बताया कि पुलिस के पास रोजाना साइबर ठगी के शिकार हो रहे लोगों के अनेक मामले आ रहे हैं। गोपनीयता को ध्यान में रखते हुए वह इसकी डिटेल शेयर नहीं करेंगे।

कई मामले ऐसे है जहां शातिर ठगों द्वारा लोगों के मोबाइल फोन पर मौजूद निजी डाटा जिनमें फोटो, वीडियो आदि शामिल हैं को कॉपी कर इनको परेशान कर बदले में मोटी रकम मांग ब्लैकमेल करने के भी है।

हालांकि ज्यादातर मामलों में ठगी का शिकार वह मासूम लोग हो रहे हैं जो अज्ञात लोगों पर विश्वास कर उनको अपने फोन पर आने वाले ओ.टी.पी. आदि शेयर कर देते हैं। पुलिस अधिकारियों ने कहा है कि बेहतर होगा कि अज्ञात लोगों से जनता मोबाइल फोन पर इनकी आती काल से सावधान रहें और इनसे बचे। ठगी होने की सूचना पुलिस को तुरंत दें।

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