नई दिल्ली। भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण ने केन्द्र सरकार द्वारा संरक्षित पुरातत्व महत्व के तीन धरोहर स्थलों को छोड़ कर सभी पर फोटो खींचने की अनुमति दे दी है। एएसआई ने गुरुवार को इस संबंध में अादेश जारी किए। अजंता की गुफाएं, लेह पैलेस और ताज महल के अंदर की फोटो खिंचने की अनुमति नहीं है।
इससे पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने धरोहर स्थलों पर फोटो खींचने की मनाही को अप्रासंगिक करार देते हुए कहा था कि अब यह नियम बदलना चाहिए। मोदी ने कहा कि पुरातात्विक धरोहरों के संरक्षण के लिए स्थानीय लोगों, सेवानिवृत्त बुजुर्गों, स्कूली बच्चों तथा कॉरपोरेट जगत को भागीदार बनाया जा सकता है।
मोदी ने यहां भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (एएसआई) धरोहर भवन के उद्घाटन के मौके पर यह बात कही। मोदी ने कहा कि दुनिया के देशों में सेवानिवृत्त लोग धरोहर के संरक्षण में योगदान देते हैं। हमारे देश में अभी यह सोच विकसित नही हुई है।
उन्होेंने कहा कि हमारे देश में यह मानसिकता बनानी है। समाज जिस प्रकार धरोहरों का संरक्षण कर सकता है, कोई सरकारी एजेंसी नहीं कर सकती। कारपोरेट वर्ल्ड काे भी इसमें शामिल कर सकते हैं।
उन्होंने धरोहर स्थल वाले शहरों के स्कूली बच्चों को स्थानीय विरासत के बारे में पढ़ाने की सलाह दी। उन्होंने कहा कि हजारों साल की हमारी गाथा दुनिया के लिए अजूबा है जो हमारे पूर्वज छोड़ कर गए हैं। उसे दिखा भर दें तो हमारा पर्यटन ऊंची उड़ान भरने लगेगा। प्रधानमंत्री ने धरोहर स्थलों पर फोटो खींचने की मनाही को अप्रासंगिक बताते हुए कहा कि अब यह नियम बदलना चाहिए।