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अखिल भारतीय हिन्दू राष्ट्र अधिवेशन का आगाज

नई दिल्ली। कोरोना महामारी हो अथवा भविष्‍य में आसन्‍न तीसरा विश्‍वयुद्ध हो, कालमहिमा के अनुसार आगामी काल हिन्‍दुत्‍वनिष्‍ठों के लिए अनुकूल काल होगा। उसके लिए हमें हिन्‍दू राष्‍ट्र की मांग निरंतर करते रहनी होगी। कोरोना महामारी के समय तब्‍लीगी जमात ने कोरोना वाहक बना, जबकि अनेक हिन्‍दुत्‍वनिष्‍ठ संगठनों ने कोरोना योद्धा की भूमिका निभाई।

आजकल राजनीति, शिक्षाक्षेत्र, प्रसार माध्‍यम, कलाक्षेत्र आदि सभी क्षेत्रों में देशभक्‍त और धर्मप्रेमी विरुद्ध देशद्रोही और धर्मविरोधी ऐसा ध्रुवीकरण हो रहा है। इस वैचारिक ध्रुवीकरण के काल में धर्म का पक्ष चुनकर हिन्‍दू राष्‍ट्र की दिशा में मार्गक्रमण करेें। यह आवाहन हिन्‍दू जनजागृति समिति के राष्‍ट्रीय मार्गदर्शक सद़्‍गुरु डॉ. चारुदत्त पिंगळेजी ने किया। वे 9वें अखिल भारतीय हिन्‍दू राष्‍ट्र अधिवेशन’ के उद़्‍घाटन के अवसर पर बोल रहे थे।

यह अधिवेशन 30 जुलाई से 2 अगस्‍त और 6 से 9 अगस्‍त 2020 की अवधि में शाम 6.30 से 8.30 के बीच ऑनलाइन आयोजित किया जा रहा है। अधिवेशन के पहले दिन देश-विदेश के विविध हिन्‍दुत्‍वनिष्‍ठ संगठनों के प्रतिनिधि, अधिवक्‍ता, विचारक, संपादक, उद्योगपति आदि बडी संख्‍या में ऑनलाइन उपस्‍थित थे। समिति के ‘यू ट्यूब’ चैनल और फेसबुक द्वारा यह अधिवेशन 67,197 लोगों ने प्रत्‍यक्ष देखा, जबकि 3,17,323 लोगों तक यह विषय पहुंचा।

हिन्‍दू राष्‍ट्र अधिवेशन के समर्थन में अनेक लोगों ने ट्‍वीट की। #We_Want_Hindu_Rashtra यह हैशटैग भारत के शीर्ष पांच ट्रेंडिंग में था । इस अधिवेशन का समिति के HinduJagruti यू ट्यूब चैनल द्वारा, तथा HinduAdhiveshan फेसबुक पेज पर लाईव प्रसारण किया जा रहा है।

अधिवेशन का प्रारंभ शंखनाद, वेदमंत्रों का पठन और चारुदत्त पिंगळेजी के करकमलों से दीप प्रज्‍वलन कर किया गया। इस अवसर पर हिन्‍दू जनजागृति समिति के प्रेरणास्रोत गुरु डॉ. जयंत आठवलेजी के आशीर्वाद रूपी संदेश का वाचन सनातन के धर्मप्रचारक सद़्‍गुरु सत्‍यवान कदम ने किया। अधिवेशन का उद्देश्‍य इस समय सनातन संस्‍था के राष्‍ट्रीय प्रवक्‍ता चेतन राजहंस ने बताया और सूत्रसंचालन सुमित सागवेकर ने किया।

राष्‍ट्रीय धर्मसभा नेपाल के अध्‍यक्ष डॉ. माधव भट्टराई ने कहा कि निधर्मी और विदेशी लोगों की कुदृष्‍टि के कारण नेपाल को हिन्‍दू राष्‍ट्र घोषित करने में बाधाएं निर्माण हो रही हैं। वर्तमान नेपाल शासन हिन्‍दूद्रोही है। नेपाल और भारत, ये दोनों राष्‍ट्र हिन्‍दू राष्‍ट्र बनें, इसके लिए पूरे विश्‍व के हिन्‍दुओं को संगठित होकर अपना योगदान देना चाहिए। संकीर्ण, सांप्रदायिक स्‍वार्थ छोडकर व्‍यापक हिन्‍दुत्‍व का आग्रह करें।

बाली (इंडोनेशिया) से ऑनलाइन जुडे इंटरनेशनल डिवाइन लव सोसायटी के अध्‍यक्ष तथा वर्ल्‍ड हिन्‍दू फेडरेशन के उपाध्‍यक्ष धर्मयेशा ने कहा कि जिस प्रकार हम परिवार के लोगों की रक्षा करते हैं, उसी प्रकार हमें धर्म की रक्षा करनी चाहिए। धर्म मोक्षदायी है। इसलिए एक सेवक की भांति धर्म की रक्षा करने पर धर्म हमारी रक्षा करेगा।

कर्नाटक के श्रीराम सेना के संस्‍थापक अध्‍यक्ष प्रमोद मुतालिक ने कहा कि कोरोना जैसे अन्‍य कुछ विषाणुओं का संकट हमारे सामने हैं और वे विषाणु हैं हिन्‍दूविरोधी और हिन्‍दूद्रोही। सर्व राष्‍ट्रविघातक शक्‍तियों का एकमात्र उत्तर हिन्‍दू राष्‍ट्र ही है।

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