मुजफ्फरपुर। बिहार के मुजफ्फरपुर स्थित एक बालिका गृह यौन शोषण मामले का मुख्य आरोपी ब्रजेश ठाकुर को लेकर कई सनसनीखेज खुलासे हुए हैं। ब्रजेश ठाकुर हिंदी, अंग्रेजी और उर्दू में प्रकाशित होने वाले तीन अखबारों का मालिक भी है। उस पर इन अखबारों की कुछ प्रतियां छपवाकर उस पर बड़े-बड़े सरकारी विज्ञापन पाने के आरोप हैं।
ब्रजेश ठाकुर को पीआईबी और राज्य सूचना एवं जनसंपर्क विभाग (आईपीआरडी) दोनों से मान्यता प्राप्त पत्रकार का दर्जा प्राप्त था। अब उसके खिलाफ मामला दर्ज होने के बाद उसकी मान्यता दोनों जगहों से रद्द कर दी गई है।
ब्रजेश के स्वामित्व वाले हिंदी दैनिक प्रातः कमल की 300 से अधिक प्रतियां प्रकाशित नहीं होती हैं, लेकिन वह प्रतिदिन इसकी 60,862 प्रतियां बिक्री दिखाता था। इसके आधार पर उसे बिहार सरकार से प्रति वर्ष करीब 30 लाख रुपये के विज्ञापन मिलते थे। उत्तर बिहार से जुड़ी परियोजनाओं का सरकारी विज्ञापन प्रात: कमल अखबार का प्रकाशन शुरू होने के समय से प्रकाशित हो रहा है।
ब्रजेश कुल तीन अखबारों मुजफ्फरपुर से प्रकाशित एक हिंदी दैनिक समाचार पत्र प्रात: कमल, पटना से प्रकाशित एक अंग्रेजी अखबार न्यूज नेक्स्ट और समस्तीपुर जिला से उर्दू में प्रकाशित एक अखबार हालात-ए-बिहार से प्रत्यक्ष या परोक्ष से जुड़ा हुआ है ।
उसका पुत्र राहुल आनंद न्यूज नेक्स्ट का संवाददाता है।
ब्रजेश ठाकुर रहने वाला मुजफ्फरपुर का है। इसके पिता राधामोहन ठाकुर ने 1982 में मुजफ्फरपुर से एक हिंदी अखबार शुरू किया था। इस अखबार का नाम था प्रात: कमल। राधामोहन ठाकुर की पत्रकारों के बीच अच्छी पहुंच थी। बिहार में छोटे अखबारों को शुरू करने वाले शुरुआती नामों में से एक नाम राधामोहन ठाकुर का भी था। धीरे-धीरे राधामोहन ठाकुर ने अपने रसूख का इस्तेमाल कर अपने अखबार के लिए सरकारी विज्ञापन लेने शुरू कर दिए।
इन विज्ञापनों से राधामोहन ठाकुर ने खूब पैसे बनाए और फिर उसे रियल स्टेट में लगा दिया। जब पिता की मौत हो गई तो ब्रजेश के हाथ में अखबार की कमान आते ही उसने रियल स्टेट के कारोबार से एक कदम आगे बढ़कर राजनीति में हाथ आजमाना शुरू कर दिया। 1993 में जब बिहार के एक चर्चित नेता आनंद मोहन ने जनता दल से अलग होकर अपनी पार्टी बिहार पीपल्स पार्टी बनाई तो ब्रजेश ठाकुर उसमें शामिल होकर राजनीति में कूद पड़ा।
यह है मामला
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