पेड़ पौधे प्रकृति के अनमोल उपहार होने के साथ ही हमारी राशि, भाग्य और मनोस्थिति को भी प्रभावित करते हैं। घर में लगाने के लिए पौधों का चयन बेहद सावधानी से करना चाहिए। कुछ पेड़ पौधे तो ऐसे हैं जिनमें साक्षात देवी देवताओं का वास होता है।
इस दिवाली हम आपको ऐसे ही पवित्र और लाभकारी पेड़ पौधों की अनुपम जानकारी दे रहे हैं।
भगवान शिव को बेल बहुत प्रिय है। अनुश्रुति के अनुसार बेल वृक्ष पर साक्षात भगवान शिव वास करते हैं। जिस घर में ये वृक्ष होता है उस घर में मां लक्ष्मी पीढ़ियों तक वास करती हैं।
तुलसी के पौधों को यदि घर की उत्तर-पूर्व दिशा में रखा जाए तो उस स्थान पर अचल लक्ष्मी का वास होता है अर्थात उस घर में आने वाली लक्ष्मी टिकती है।
बेल (लतरने) वाले पौधों को अगर शयनकक्ष के अंदर दीवार के सहारे चढ़ाकर लगाया जाता है तो इससे दांपत्य संबंधों में मधुरता एवं आपसी विश्वास बढ़ता है।
घर के दक्षिण-पश्चिम कोने में भारी प्लांट लगाने से घर के मुखिया को व्यर्थ की चिंताओं से मुक्ति मिलती है।
अध्ययन कक्ष के अंदर सफेद फूलों के पौधे लगाने से स्मरण शक्ति में वृद्धि होती है।
घर की पूर्वी दिशा में फूलों के पौधे, हरी घास, मौसमी पौधे आदि लगाने से उस घर में भयंकर बीमारियों का प्रकोप नहीं होता।
पान का पौधा, चंदन, हल्दी, नींबू आदि के पौधों को भी घर में लगाया जा सकता है। इन पौधों को घर में रखने से घर के सदस्यों में आपसी प्रेम बढ़ता है।
इनको लेकर बरतें सावधानी
बोनसाई पौधों को घर के अंदर लगाना वास्तुशास्त्र के अनुसार उचित नहीं है क्योंकि जिस प्रकार बोनसाई का विस्तार संभव नहीं होता, उसी प्रकार उस घर की वृद्धि भी बौनी ही रह जाती है।
कैक्टस ग्रुप के पौधे जिनमें नुकीले कांटे होते हैं उन्हें घर के अंदर लगाना वास्तुशास्त्र के अनुसार उचित नहीं माना जाता।
घर के बगीचे में पीपल, बबूल, कटहल आदि का पौधा लगाना वास्तुशास्त्र के अनुसार ठीक नहीं। इन पौधों से घर के अंदर हमेशा अशांति का वातावरण बना रहता है।
पौधों में लाल गेंदा और काले गुलाब को लगाने से चिंता एवं शोक की वृद्धि होती है।
कटीले और दूध निकलने वाले पौधों को घर में ना रखें।