न्यूज नजर : हमारे देश में बहुत सी ऐसी परम्पराएं और मान्यताएं हैं जिन्हें हम हज़ारो वर्षो से मानते आ रहे है। बच्चे भगवान का रूप होते है लेकिन जब भी घर में बच्चा पैदा होता है तो उसके जन्म के कुछ ही समय बाद मुंडन करवाया जाता है। मुंडन भी हिन्दू धर्म के 16 संस्कार में से एक है। इसका धार्मिक महत्व होने के साथ ही वैज्ञानिक महत्व भी है। तो जानते हैं कि बालक का मुंडन क्यों है जरूूरी-
# बच्चे जब माँ के गर्भ से बाहर आते है तो उनके सिर में बहुत से जर्म्स और बैक्टीरिया पाए जाते है। ये कीटाणु सिर्फ बाल धोने से नहीं जाते है इसलिए बच्चो के बालो को मुंडवाना पड़ता है।
# बच्चो के बाल मुंडवाने से फोड़े, फुंसी, दस्त जैसी तमाम बीमारिया भी दूर रहती है साथ ही मुंडन करवाने से बच्चे का सिर और दिमाग ठंडा रहता है।
# बाल उतर जाने के बाद बच्चों के सिर पर सीधी धुप पड़ती है जिससे उनके कोशिकाएँ जागृत हो जाती है और नसों में अच्छे से रक्त संचालित कर पाती है।