इस समय मौसम परिवर्तन का दौर है। सर्दी ने दस्तक दे दी है। लोग बीमार पड़ रहे हैं और अस्पतालों में मरीजों की संख्या में इजाफा देखने को मिल रहा है। मौसम परिवर्तन के समय अगर हम अपनी सेहत का ध्यान रखें, तो बीमार होने से बच सकते हैं।
प्रकृति ने हर मौसम के मिजाज के अनुसार कुछ विशेष फल व सब्जियां उपलब्ध कराई हैं। पर कई बार हम गर्मियों के फलों को तो बड़े चाव से खाते हैं, लेकिन सब्जियों की जब बात आती है, तो गर्मियों में भी महंगे दामों पर सर्दियों की सब्जियां खरीदकर खाना पसंद करते हैं। ये आदत न केवल जेब पर भारी पड़ती है, बल्कि सेहत के लिहाज से भी काफी नुकसानदेह है।
वेट लॉस विशेषज्ञ डॉ. अनु गुप्ता कहती हैं कि गर्मियों की सब्जियां उन्हें कहा जाता है, जो अप्रैल से लेकर अगस्त माह तक उपलब्ध रहती हैं। इनमें लौकी, करेला, तोरी, कद्दू, खीरा, टिंडा, परवल और चौलाई प्रमुख हैं।
दरअसल, गर्मी के मौसम में अधिकतर लोगों को पेट संबंधी समस्याओं रहती हैं। इनसे बचने के लिए इस मौसम में पैदा होने वाली ताजी सब्जियां खाना जरूरी है।
ये सब्जियां मुलायम त्वचा वाली, गूदेदार और नमी से भरपूर होती हैं। यही नहीं, ये सभी सब्जियां ठंडी, पचने में आसान और उन सभी पोषक तत्वों से भरपूर होती हैं, जो इस गर्म और नमी वाले मौसम से शरीर का तालमेल बैठाने के लिए जरूरी है। इनमें कैलोरी और वसा दोनों कम होती है।
-नामदेव न्यूज डेस्क