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वीडियो कॉल पर डॉक्टर की मौजूदगी लाएगा हेल्थकेयर सेक्टर में क्रांति

जयपुर । भारत में इंटरनेट के बढ़ते उपयोग के साथ, यह देश स्टार्टअप्स के जरिए ग्राहकों के व्यवहार में परिवर्तन लाकर विभिन्न परंपरागत क्षेत्रों के विस्फोटक विस्तार का एक विशाल मैदान बन चुका है। पहले, यह लड़ाई ई-काॅमर्स के लिये देखी गयी जिसके प्रमुख खिलाड़ी फ्लिपकार्ट, स्नैपडील और अमेजन हैं; फिर लाॅजिस्टिक मैनेजमेंट स्टार्टअप्स की बारी आई; उसके बाद, फिन-टेक स्टार्टअप्स शामिल हुए और प्रमुख रूप से ई-वैलेट्स, निवेश, बैंकिंग एवं कर रिटर्न समाधानों पर जोर दिया जाने लगा। अब यह स्वास्थ्य सेवा बाजार की दिशा में बढ़ रहा है, जिस दिशा में भारत सरकार द्वारा भी कदम उठाये जा रहे हैं।

प्रैक्टो, मेरा पेशेंट , 1 एमजी, फार्मइज़ी आदि जैसे कई एमहैल्थ एप्स सक्रिय रूप से भारत में काम कर रहे हैं। इसमें डॉक्टर-रोगी इंटरैक्शन, ई-फार्मेसी, डाटा मैनेजमेंट इत्यादि शामिल हैं जो एक क्लिक पर स्वास्थ्य सेवाओं की सुविधा प्रदान करते हैं।

 

हेल्थकेयर सेक्टर में नवीन सेवाओं के बारे में ,मेरा पेशेंट ऐप्प के संस्थापक, मनीष मेहता बताते हैं की जोमैटो, स्विग्गी, ओला, उबर और इस तरह के अनेक नये-नये खिलाड़ियों ने संबंधित क्षेत्रों में ग्राहकों के व्यवहार में परिवर्तन लाये हैं, ऐसे में अब स्वास्थ्य सेवा क्षेत्र की बारी है, ताकि नई-नई विपणन रणनीतियां अपनाए और ग्राहकों (मरीजों) के व्यवहार में परिवर्तन लाए। “वीडियो कॉल पर डॉक्टर“ कि सुविधा , भारत में ग्राहकों (मरीजों) के व्यवहार को बदलने के लिए प्रभावशाली साबित हो सकती है। यह भविष्य की हेल्थकेयर तकनीक है जो आयरलैंड, अमेरिका, ब्रिटेन, कनाडा जैसे कुछ देशों में पहले से ही लोकप्रिय है और अब यह सुविधा भारत में बड़े उपयोगकर्ता आधार तक पहुंचने के लिए तैयार है।

तुलनात्मक रूप से , भारत में प्रति 1,000 रोगियों के लिए एक डॉक्टर है जो विकासशील देशों में निम्नतम अनुपात है। एक डॉक्टर के साथ आमने सामने बातचीत से न केवल समय लेने वाली प्रक्रिया है बल्कि विशेष रूप से निजी क्षेत्र में भी एक महंगा सौदा है। लेकिन आम तौर पर भारत में पाए जाने वाले मरीजों का व्यवहार हमेशा डॉक्टरों द्वारा आमने सामने बातचीत से परामर्श के पक्ष में होता है।

हालांकि सरकारी अस्पतालों और राज्य संचालित स्वास्थ्य केंद्र या तो मुफ्त में या सब्सिडी वाले मूल्य पर परामर्श प्रदान करते हैं, परन्तू इंटरनेट उपयोग शिक्षा की कमी के कारण एम-हेल्थ के माध्यम से सभी नागरिकों के लिए इन सेवाओं तक पहुंच पाना आसान नहीं है। ऐसे में, एक प्रशिक्षित हेल्थकेयर कर्मचारी की उद्योग में मांग की जा रही है, जो इंटरनेट का उपयोग करने और स्वास्थ्य सेवाओं पर परामर्श देने पर शिक्षा प्रदान करने की दोहरी भूमिका निभा सकते हैं।

एमहेल्थ को अपनाने के लिये ग्राहक के व्यवहार में परिवर्तन करने में सबसे आम चुनौती ’प्रौद्योगिकी को अपनाना’ है, जो मूल्यों और मान्यताओं, होने के तरीके और पहचान से अत्यधिक प्रभावित होती है। असल में, अनुकूल चुनौतियों के लिए नेतृत्व व्यवहार की आवश्यकता होती है जो प्रथाओं और दृष्टिकोणों के आधार पर मार्केटर को रणनिती चुनने में सहायक होगी।

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