न्यूज नजर : आप बीमार होते हैं तो डॉक्टर टेबलेट-कैप्सूल देता है। क्या आपने कभी सोचा है कि कैप्सूल किससे बनते हैं और हमारे पेट में जाकर आसानी से क्यों घुल जाते हैं।
दरअसल कैप्सूल का ऊपरी हिस्सा जिलेटिन से बनाया जाता है और जिलेटिन विभिन्न पशुओं के ऊतकों से तैयार किया जाता है। क्यों चौंक गए ना आप, जी हां, यह सच है। जिस पदार्थ से जिलेटिन बनाया जाता है वह एक रेशेदार पदार्थ होता है जो गायों और भैंसों जैसे जानवरों की हड्डियों, ऊत्तकों और कण्डरा में पाया जाता है।
जिलेटिन प्राप्त करने की प्रक्रिया के तहत पशुओं के ऊतक, हड्डियां और त्वचा को उबाला जाता है जिसके बाद जिलेटिन की प्राप्ति होती है। इसका उपयोग कैप्सूल के बाहरी परत के निर्माण मे किया जाता है।
शाकाहारी कैप्सूल बनाने पर जोर
कैप्सूल की बाहरी परत जिलेटिन से बनी होने की बात तब प्रकाश में आई जब केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने जिलेटिन से बने कैप्सूल की जगह पौधों से बने कैप्सूल बनाने के लिए पिछले साल मार्च में विशेषज्ञों की कमेटी का गठन किया। स्वास्थ मंत्रालय ने इस कमिटी का गठन साल 2016 के मार्च में किया था।
केंद्रीय महिला एवं बाल कल्याण मंत्री मेनका गांधी ने यह मामला उठाते हुए सलाह दी कि जिलेटिन कैप्सूल की जगह पौधों से बने कैप्सूल के इस्तेमाल की संभावनाओं पर गौर किया जाए। क्योंकि भारत मे ज्यादातर लोग शाकाहारी हैं और उन्हें जिलेटिन कैप्सूल खिलाना उनकी भावनाओं के साथ खिलवाड़ है।