देहरादून। खाने का जायका बढ़ाने और शरीर को तंदुरुस्त रखने के लिए आप देशी घी खाते होंगे। अच्छे से अच्छा और महंगे ब्रांड का घी ज्यादा से ज्यादा 1000 रुपए किलो होगा। लेकिन आपको जानकर ताज्जुब होगा कि उत्तराखंड में बद्री गाय का घी 55 सौ रुपये किलो बिकता है।
उत्तराखंड के चंपावत के नरियाल गांव के पशुपालन प्रजनन केंद्र में पल रही बद्री गाय का घी दूसरे गायों की तुलना में बेहद खास है। दिन में सिर्फ 3 से चार लीटर दूध देने वाली बद्री गाय का घी आम गायों के घी से कई गुना महंगा है। यही वजह है बद्री गाय के इस घी को गाजियाबाद की हेथा कंपनी 55 सौ किलो रुपये में खरीद रही है। वही भारतीय नस्ल की यह बद्री गाय स्थानीय लोगों के लिए रोजगार का जरिया बनी है।
आप जानना चाहते होंगे कि आखिर बद्री गाय के घी या दूध में दूसरी गायों के दूध घी तुलना इतना पोषक और महंगा क्यों है?
डॉक्टर राहुल जोशी बताते हैं कि आम गायों की अपेक्षा बद्री गाय के दूध में ए-2 प्रोटीन के अलावा अन्य पोषक तत्वों की उपलब्धता के साथ कई रोगों से बचने के लिए इसका घी और दूध सेहत के लिए जरूरी है। बद्री गाय के दूध और घी की मिल रही कीमत ने जहां भारतीय नस्ल की बद्री गाय की डिमांड बढ़ी है। वहीं दूध में पाए जाने वाला ए-2 प्रोटीन सेहत को भी तंदुरुस्त रख रहा है।
उत्तराखंड के पहाड़ी इलाके में बद्री नस्ल की गाय पाई जाती और गाय की यह नस्ल वहां तेजी से खत्म हो रही थी। इस नस्ल को बचाने में नरियालगांव पशु प्रजनन केन्द्र की मुहिम रंग लाई और अब इस नस्ल की 140 गायें वहां मौजूद हैं।