शैलजा को अपनों ने दिया दर्द, रश्मि छीपा की ससुराल में गई जान
नामदेव न्यूज डॉट कॉम
अजमेर। घटनाएं दो लेकिन दर्द एक, वह भी अपनों के हाथों। शनिवार को भोपाल में कुमारी शैलजा नामदेव को उसी की बड़ी बहन अंकिता के जेठ ने तेजाब डालकर जला दिया। चंद रोज पहले राजस्थान के भीलवाड़ा शहर में रश्मि छीपा को उसी के पति व सास ने गला दबाकर मार डाला। इन घटनाओं ने एक सवाल खड़ा कर दिया है कि आखिर हम कहां जा रहे हैं…ये सामाजिक बिखराव है या फिर जातीय अनुशासन खत्म हो रहा है। गांव से शहर और फिर शहर से महानगर में आकर तरक्की के तराने गाते हुए हम खुद अपनी जड़ों, सामाजिक व्यवस्थाओं के दुश्मन तो नहीं बन बैठे। जातीय पंचायत को कमजोर करके कहीं हम खुद तो कमजोर नहीं हो गए? नामदेव न्यूज डॉट कॉम ने समाज के कुछ वरिष्ठजन से इस बारे में चर्चा की जो कई विसंगतियां सामने आई। कई सवाल भी उठे…कुछ समाधान भी दिखे। इन पर समाज में खुली बहस होनी चाहिए। www.newsnazar.com
कुछ दशक पहले तक आपसी पारिवारिक विवाद सामाजिक पंचायत में बैठकर सुलझा लिए जाते थे। समाज के पंचों के प्रति लोगों में सम्मान भी था। इससे गंभीर से गंभीर मसले जल्द हल हो जाते थे और आपसी मनमुटाव भी खत्म हो जाता था। समाज में अनुशासन बना रहता था। कोई भी अशोभनीय हरकत करने से पहले व्यक्ति कई बार सोचता था कि समाज क्या कहेगा। अब हालात उलट है। आपसी रिश्ते तय करने में समाजबंधुओं की जगह मैरिज ब्यूरो ने ले ली है। लोग अपने ही समाज के दूर भागने को तरक्की व आधुनिकता कहने लगे हैं। नतीजा यह हुआ कि हम समाज में रहते हुए भी अपनी ही दुनिया में खोए हुए हैं। हम यह तो नहीं कहते कि पहले की तरह अपने सारे अधिकार…अपनी स्वतंत्रता समाज के पंचों के यहां गिरवी रख दी जाए ताकि वे मनमानी कर सके। लेकिन सामाजिक अनुशासन बनाए रखने के लिए कुछ नैतिक मापदंड और सामाजिक बाध्यताएं अवश्य होनी चाहिए ताकि हम भटकें नहीं। अपनी मर्यादाएं लांघे नहीं। www.newsnazar.com
शैलजा मामले में अगर उसकी बहन के जेठ ने सामाजिक अनुशासन का पालन करते हुए रिश्तों का मर्म समझा होता तो यह दर्दनाक वाकिया पेश नहीं आता। भीलवाड़ा की रश्मि छीपा के ससुराल वाले सामाजिक अनुशासन से बंधे होते तो रश्मि की जान नहीं जाती।
शैलजा का मामला सामने आने के बाद समाजबंधुआं को रश्मि का दर्द भी जानना जरूरी है। पुराना शहर टोंक निवासी बाबूलाल छीपा की पुत्री रश्मि का विवाह छह साल पहले भीलवाड़ा आजाद नगर निवासी राकेश छीपा के साथ हुआ। रश्मि सरकारी स्कूल में शिक्षिका थी। पिछले दिनों ससुराल में उसका शव फंदे पर लटका मिला। रश्मि के भाई महेश छीपा ने ससुराल वालों के खिलाफ दहेज के लिए प्रताडि़त करने व गला दबाकर हत्या करने का मामला दर्ज कराया। www.newsnazar.com
नि:संदेह शैलजा और रश्मि के मामले में कानून अपना काम करेगा…दोषियों को कड़ी से कड़ी सजा मिलेगी। मगर दोनों ही मामलों में समाज को भी अपना फैसला सुनाना चाहिए ताकि दोबारा कोई शैलजा, कोई रश्मि अपनों के हाथों न छली जाए।
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