नामदेव न्यूज डॉट कॉम
अजमेर। आपने शहर में बैंड देखे होंगे…चमाचक यूनिफार्म, शानदार बाजे…ट्रॉली और माइक सिस्टम। मगर गांवों में ऐसे साधन कहां। वहां खुशियों में साथी बनते हैं देशी बैंड। पांच-सात लोगों की टीम…किसी ने पजामा शर्ट पहनी है तो किसी पेंट। कोई चप्पल में सुर साधता दिख जाएगा तो कोई लोंग बूट पहनकर इतराता हुआ दिखेगा। यह हुई देशी बैंड पार्टी।
इन सबके उलट राजस्थान के गांवों में वन-मैन बैंड का खासा प्रचलन है। इसे कहते हैं बांक्या वाला। जी हां, बांक्या। यह परम्परागत वाद्य है जो ग्रामीण इलाकों में काफी मशहूर है। आप हम आपको एक ऐेसे मेले के बारे में बताते हैं जहां बांक्या वालों का कॉम्पिटीशन होता है।
अजमेर जिले के अरांई कस्बे में विगत 6 मई को बांक्या माता का मेला भरा। मेले में आसपास के गांवों के कई बांक्या वादक आए। उनके बीच बाकायदा प्रतियोगिता हुई। आसपास के गांवों से आए सैकड़ों ग्रामीणों ने इस प्रतियोगिता का लुत्फ उठाया। इसके बाद आगामी दिनों में आखातीज पर होने वाले विवाह समारोह के लिए बांक्या बुक किया। ज्यादा से ज्यादा बुकिंग लेने के चक्कर में बांक्या वालों ने दम लगाकर अपनी कला का प्रदर्शन किया। हर साल मेले में ऐसा ही होता है। वाकई है ना अनोखा बांक्या मेला।