न्यूज नजर : मंगल ग्रह 27 अगस्त 2018 को मकर राशि में मार्गी हो गए हैं जो 21 जून से ही वक्री गति से भ्रमण कर रहे थे। यहां मार्गी का अर्थ सीधे आगे बढने से है और वक्री का अर्थ पीछे की ओर वापस लुढ़कने से है। सूर्य और …
Read More »भक्ति का महाकुंभ : खमा खमा हो रूणीचे रा धणियां
न्यूज नजर : राजस्थान की भूमि त्याग तपस्या बलिदान वीरता और चमत्कार के रूप में सदियों से जानी जाती है। इस की मरूधरा भूमि जैसलमेर में लगभग सात सौ वर्ष पूर्व एक ऐसे महान और चमत्कारी संत बाबा रामदेव जी का जन्म अवतार हुआ है जिनके चमत्कारों का मेला …
Read More »देशभर में भुजरिया की धूम, कई जगह शोभायात्राओं और मेलों की रौनक
भोपाल। परम्परा, संस्कृति और प्रकृति से जुड़ा भुजरिया पर्व सोमवार को देश के कई राज्यों में हर्षोल्लास के साथ मनाया जा रहा है। श्रद्धालुओं ने घरों में करीब एक हफ्ते पूर्व बोई भुजरिया ताल-तलैयों आदि पर जाकर निकालकर सर्व प्रथम भगवान को भेंट की। इसके उपरांत लोग एक दूसरे से …
Read More »सातुड़ी तीज-कजली तीज आज, जानिए कैसे करें पूजा
आज भादवा मास कृष्ण पक्ष तृतीया बुधवार को सातुड़ी तीज मनाई जा रही है। सातुड़ी तीज को कजली तीज और बड़ी तीज भी कहते हैं। इस दिन सत्तू बनाकर पूजा की जाती है। घरों में महिलाएं इसकी तैयारी में भी जुट गई हैं। सातु / सत्तू कब कितना बनाएं सवाया जैसे सवा …
Read More »विश्वास की रक्षा को संजोते संवारते बंधन
न्यूज नजर : प्रकृति जगत के प्राणियों की रक्षा करती हुई जल हवा व वनस्पतियों का निर्माण कर सबको जीवित रखती है, उन्हें संजोये रखती है संवारती है और संवर्धित करती है। प्रकृति की नीति का यह अघोषित बन्धन ही जीवों की रक्षा करता है और इसी के कारण …
Read More »नए हौसले का शुभारंभ काल
न्यूज नजर : अहंकार के अंत का काल निश्चित होता है और इसका शुभारम्भ अहंकार की अति के साथ ही हो जाता है। अहंकार, आग के अंगारे बरसा कर समूचे व्यवस्था तंत्र को जब राख बना डालता हैं तो, वो राख हवा से उडकर सर्वत्र अपनी बर्बादी को प्रमाणित …
Read More »सातू बहनें : आद्याशक्ति के सात रूप, कई नाम, कई शक्तिपीठ
न्यूज नजर : आद्याशक्ति के सात रूपों को एक सामूहिक शक्ति के रूप में पूजा जाता है। जल के किनारों पर इन्हें अच्छे स्वास्थ्य पारिवारिक सुख शांति और समृद्धि व विकास के लिए आदि काल से पूजा जाता है। देश विदेश और हर स्थान पर इनके उपासना स्थल है …
Read More »और घणा ही आवसी इन दुनिया के माय, सदा हंस ही याद किए जाएंगे बगुले नहीं
न्यूज नजर : कुदरत ने अंतिम विकल्प के रूप में किसी को भी उत्पन्न नहीं किया और ना ही एक व्यक्ति को ही सर्व गुण संपन्न रखा। हर व्यक्ति वस्तु स्थान को कई गुणों से भरा तो उसमें उन कमियों को भी छोड़ दिया जो सदा बिना जबाब …
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