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भारत देश आजादी के 75वें वर्ष में प्रवेश कर गया है। बीते 74 सालों में देश में बहुत से बदलाव आए हैं। सुविधाओं के साथ महंगाई इस चरम पर है कि गांव से लेकर शहरों तक लोग इसके खिलाफ प्रदर्शन कर रहे हैं। इन 74 वर्षों में एक से दस पैसे में मिलने वाले सामानों के दाम इस कदर बढ़ गए कि वे 100 रुपये पार पहुंच गए। महंगाई के इस दौर में आम जनमानस को खासा दिक्कतें हो रही हैं, मगर महंगाई है कि रुकने का नाम नहीं ले रही है। जनसंख्या बढ़ने के साथ लोगों की जरूरतें बढ़ रही हैं, जिसका असर महंगाई के रूप में देखने को मिल रहा है।
सेर के हिसाब से मिलता था सामान
लोगों को इन दिनों बाजार में सामान खरीदना हो तो उन्हें किलोग्राम के हिसाब से दिया जाता है। मगर आज से 74 वर्ष पूर्व सामान सेर के हिसाब से मिलता था। सेर भारतीय उपमहाद्वीप का एक पारम्परिक वजन का माप है। आधुनिक वजन के हिसाब से एक सेर लगभग 933 ग्राम के बराबर है।
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88.62 रुपये प्रति 10 ग्राम मिलने वाला सोना 48 हजार पार: देश की आजादी के बाद से महंगाई का दौर इतनी तेजी से बढ़ा कि हर वस्तु के दाम आसमान छूने लगे। 1947 में जहां 10 ग्राम सोने की कीमत 88.62 रुपये बताई गई, वहीं अब यह सोना 48 हजार 265 रुपये पहुंच गया है।
1947 और आज के दाम
सामान 1947 के दाम आज के दाम
चावल 25 पैसा 33 रुपये
अरहर 2 रुपये 115 रुपये
राजमा 1.5 रुपये 130 रुपये
दूध 50 पैसा 50 रुपये
मावा 2 रुपये 260 रुपये
आटा सवा रुपये 28 रुपये
साबुन 15 पैसे 191 रुपये
पेट्रोल 2 रुपये 98.12 रुपये
आलू 25 पैसा 30 रुपये नोट: (दाम प्रति किलो के अनुसार हैं)