नई दिल्ली। विदेशों मे कच्चे तेल में नरमी आने के बावजूद घरेलू स्तर पर पेट्रोल और डीजल की कीमतों में बुधवार को लगातार 18वें दिन भी कोई बदलाव नहीं हुआ। इससे मोदी सरकार केे उस झूठ की पोल खुल गई है जिसमें कहा गया कि तेल के दाम अंतरराष्ट्रीय स्तर पर कंट्रोल होते हैं।
दरअसल, पेट्रोल-डीजल की बेतहाशा बढ़ती कीमतों को लेकर पिछले दिनों जबरदस्त हंगामा मचने के बाद से ही रेट स्थिर चल रहे हैं। जबकि उससे पहले रोज कीमतें बढाई जा रही थीं। इससे साबित होता है कि सरकार चाहे तो कीमतें कंट्रोल कर सकती है। माना जा रहा है कि पश्चिम बंगाल चुनाव में फायदा लेने के लिए भी कीमतें स्थिर रखी जा रही हैं। होना यह चाहिए कि अब अंतरराष्ट्रीय स्तर पर तेल के दाम कम हो रहे तो भारत में भी कीमत कम की जाए।
देशी बाजारों में कच्चे तेल में नरमी का रुख देखा जा रहा है। सिंगापुर में लंदन ब्रेंट गिरकर 69 डॉलर प्रति बैरल पर से नीचे आ गया।
राजधानी दिल्ली में पेट्रोल अभी 91.17 रुपए प्रति लीटर पर और डीजल 81.47 रुपए प्रति लीटर पर है। 27 फरवरी को इन दोनो की कीमतों में क्रमशः 24 पैसे और 15 पैसे प्रति लीटर की वृद्धि हुई थी और इन दोनों की कीमतें पूरे देश में सार्वकालिक रिकार्ड स्तर पर हैं।
तेल विपणन करने वाली सरकारी कंपनी इंडियन आयल कारपोरेशन के अनुसार आज इन दोनों ईंधन की कीमतें स्थिर है।
जानकारों का कहना है कि देश के चार राज्यों और एक केंद्र शासित प्रदेश में हो रहे विधानसभा चुनाव के कारण अभी पेट्रोल डीजल की कीमतों में कोई बदलाव नहीं किया जा रहा है।