नई दिल्ली। भारतीय रिजर्व बैंक ने वित्त वर्ष 2019-20 की तीसरी मौद्रिक नीति समीक्षा के दौरान रेपो रेट में 0.35 फीसदी कटौती की है। आरबीआई के इस फैसले के साथ अब रेपो रेट 5.75 फीसदी से घटकर 5.40 फीसदी और रिवर्स रेपो रेट 5.15 हो गया है और इससे लोन भी सस्ता हो जाएंगे।
छह सदस्यीय एमपीसी की बैठक की अध्यक्षता आरबीआई के गवर्नर शक्तिकांत दास ने की। वर्तमान में आरबीआई बैंकों को 5.75 फीसदी की दर पर ब्याज देता है। रिवर्स रेपो रेट 5.50 फीसदी है।
रेपो रेट में कटौती के साथ ही बैंक भी अब कम ब्याज दर पर होम लोन, कार लोन सहित अन्य लोन ऑफर कर पाएंगे। इससे नया लोन सस्ता हो जाएगा, जबकि लोन ले चुके लोगों को या तो ईएमआई में या रीपेमेंट पीरियड में कटौती का फायदा मिल सकता है। इससे पहले फरवरी, अप्रैल और जून में आरबीआई ने रेपो रेट में कैंची चलाई थी।
यह होती है रेपो और रिवर्स रेपो रेट
रेपो रेट वह दर होती है जिसपर बैंकों को आर.बी.आई. कर्ज देता है। बैंक इस कर्ज से ग्राहकों को लोन मुहैया कराते हैं। रेपो रेट कम होने का अर्थ है कि बैंक से मिलने वाले तमाम तरह के कर्ज सस्ते हो जाएंगे। यह वह दर होती है जिस पर बैंकों को उनकी ओर से आर.बी.आई. में जमा धन पर ब्याज मिलता है। रिवर्स रेपो रेट बाजारों में नकदी की तरलता को नियंत्रित करने में काम आती है।