नई दिल्ली। कोरोना वायरस ‘कोविड-19’ महामारी की स्थिति का नाजायज फायदा उठाने से विमान सेवा कंपनियों को रोकने के लिए सरकार ने हवाई किराये की न्यूनतम और अधिकतम सीमा तय कर दी है।
इसमें उपभोक्ता विकास शुल्क (यूडीएफ), यात्री सेवा शुल्क (पीएसएफ) और वस्तु एवं सेवा कर शामिल नहीं हैं। ये तीनों शुल्क अलग से देने होंगे। क्षेत्रीय संपर्क योजना की उड़ानों के किराये पर यह सीमा लागू नहीं होगी।
नागरिक उड्डयन मंत्री हरदीप सिंह पुरी ने संवाददाताओं को बताया कि महामारी के दौरान सीमित उड़ानों के साथ विमान सेवा 25 मई से दुबारा शुरू की जा रही हैं। उड़ानें कम होने से सीटों की उपलब्धता घटेगी जबकि मांग अधिक है।
ऐसे में किराये में तेज बढ़ोतरी की आशंका थी। इसी के मद्देनजर सरकार ने उड़ान के समय के हिसाब से अधिकतम और न्यूनतम किराया तय करने का फैसला किया है। दिल्ली-मुंबई मार्ग पर न्यूनतम किराया 3,500 रुपए और अधिकतम किराया 10,000 रुपए होगा।
पुरी ने बताया कि न्यूनतम किराया तय करने के लिए संबंधित मार्गों पर रेलवे के किराये को आधार बनाया गया है। एयरलाइंस के लिए किसी मार्ग पर अधिकतम और न्यूनतम किराये के औसत से कम दाम पर कम से कम 40 प्रतिशत सीटों की बुकिंग अनिवार्य होगी। सातों श्रेणियों में न्यूनतम और अधिकतम किराया (रुपए में) इस प्रकार होगा –
समय————–न्यूनतम किराया————-अधिकतम किराया
चालीस मिनट से कम—–2,000——————-6,000
चालीस से साठ मिनट—–2,500——————-7,500
एक से डेढ़ घंटा———-3,000——————-9,000
डेढ़ से दो घंटा———–3,500——————-10,000
दो से ढाई घंटा———–4,500——————-13,000
ढाई से तीन घंटा———-5,500——————-15,700
तीन से साढ़े तीन घंटा——6,500——————-18,600