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लगते देशी ब्रांड मगर हैं विदेशी


नई दिल्ली। रोजमर्रा में इस्तेमाल की जानी वाली कुछ चीजें ऐसी होती हैं जो हमारे जीवन का हिस्सा बन जाती हैं। हम सोचते भी नहीं हैं असल वो चीज आई कहां से। आमतौर पर लोगों को लगता है कुछ ब्रांड्स भारत के हैं, लेकिन असल में ऐसा नहीं है। ऐसे में कुछ मशहूर ब्रांड के बारे में आपको बताते हैं जिनके बारे में सुनकर आप हैरान हो जाएंगे।
बाटा
ऐसा लगता है कि ये भारत की ही कंपनी है, लेकिन ऐसा है नहीं। ये कंपनी स्वीट्जरलैंड की है। साल 1894 में थॉमस बाटा उनके भाई एंटोनिन और उनकी बहन अन्ना ने इसको कंपनी को बनाया था।
इंडियन मोटरसाइकिल्स
ये बाइक असल में अमेरिकी ब्रांड हेंडी मेन्यूफेक्चरिंग कंपनी बनाती है। इसका नाम 1928 में बदलकर इंडियन मोटरसाइकिल्स रखा गया। इसका पहला शोरुम भारत में 2014 में खुला।
हिंदुस्तान यूनिलिवर लिमिटेड
इसकी कंपनी की मालिक है ऐंग्लो-डच कंपनी यूनिलिवर। यूनिलिवर का इसमें 67 प्रतिशत शेयर है।
कोलगेट
पाल्मोलिव कंपनी के अधीन आने वाली कोलगेट साबून, डिटरजेंट आदि सामान बनाता है।
स्टार टीवी
सेटेलाइट टेलिविजन एशियन रीजन इसका पूरा नाम है। इसका मालिक 21 सेंचुरी फॉक्स है। जोकि एक अमेरिकन मास मीडिया कोओपरेशन है। इसकी तीन यूनिट है। स्टार इंडिया, स्टार ग्रेटर चाइना, फॉक्स इंटरनेशनल चेनेल्स एशिया।
नेस्ले
कई लोगों को लगता है मैगी, किटकेट बनाने वाली कंपनी नेस्ले इंडियन है। लेकिन असल में ये एक स्विस कंपनी जिसका मुख्यालय वेवे, वाउद में है।
बॉस स्पीकर
बोस नाम आते ही दिमाग में बंगाल आता है। क्योंकि बोस सरनेम से ज्यादा लोग वहीं मिलते हैं। लेकिन ये अमेरिकन कंपनी जिसका मुख्यालय फ्रामिंगम में है। हालांकि इसको बनाने वाले भारतीय मूल के अमेरिकी अमर बोस थे। जो 1964 में इसको बनाए थे।
गुदांग गर्म सिगरेट्स
इस सिगरेट से आमतौर पर लोग नफरत करते हैं, लेकिन उतना ही पीते है। ये इंडोनेशियन ब्रांड है। 26 जून 1958 को त्जुआ इंग हवी ने इसकी खोज की थी। गुदांग गर्म नाम का मतलब होता है साल्ट वेयरहाउस। टाईड घरेलू कामकाज में इस्तेमाल किए जानी वाली ये चीज प्रॉक्टर और गेम्बेल बनाती है, जो एक अमेरिकन कंपनी है। पहली बार यूएस बाजार में ये 1946 में आया था।