नई दिल्ली। भूखे पेट भजन न होय गोपाला… देशवासियों को राम मंदिर की सौगात देने के बावजूद मोदी सरकार को लोकसभा चुनाव में करारा झटका लगा था लेकिन सरकार ने अब तक सबक नहीं लिया है। उलटा महंगाई और ज्यादा बढ़ती जा रही है। लोगों के मुंह से निवाला तक छिनता जा रहा है। दाल रोटी खाना भी मुहाल हो गया है।
देश में जहां एक ओर आटा और दालों के दामों में उछाल आया है। वहीं खाद्य तेलों की कीमतों में 30 से 40 रुपये प्रति लीटर तक की बढ़ोत्तरी होने से रसोई घर का खर्च बढ़ गया है। इसके साथ ही सर्दियों के सीजन की सब्जियों की आवक शुरू नहीं होने से सब्जी मंडी में भी कीमतें आसमान छू रही हैं।
इसी तरह रिफाइंड के दाम में भी 30 रुपये की बढ़ोत्तरी हुई है। पहले 105 रुपये प्रति लीटर में मिल रहे रिफाइंड के दाम अब 132 रुपये प्रति लीटर हो गए हैं। वनस्पति घी की बात करें तो तो इसके दाम भी 110 रुपये प्रति किलो से बढ़कर 140 रुपये हो गए हैं। अब दालों की बात करें तो सबसे अधिक अरहर की दाल का इस्तेमाल होता है।
शतक लगा रही सब्जियां, लोग परेशान
मंडी में जहां लहसुन के दाम 300 से 400 रुपये प्रति किलो तक पहुंच गए हैं। वहीं प्याज भी 70 रुपये प्रति किलो तक पहुंच गई है। इसके अलावा आलू के दाम 40 रुपये तो गोभी 100 रुपये और शिमला मिर्च 100 रुपये, तुरई 70 रुपये, लौकी 80 रुपये, टमाटर 60 रुपये, खीरा 100 रुपये प्रति किलो बिक रहा है।