नई दिल्ली। देश में पेंशनर्स की लॉटरी लगने वाली है। मोदी सरकार उन्हें पेंशन में बढ़ोतरी का रास्ता निकाल रही है। फिलहाल एमसीडी चुनाव के कारण सरकार कोई घोषणा नहीं कर पा रही है लेकिन माना जा रहा है चुनाव बाद पेंशनर्स की बल्ले-बल्ले होने वाली है।
दरअसल मोदी सरकार पेंशन की गणना करने के एक नए फार्मूले को मंजूरी देने जा रही है। इससे 50 लाख से अधिक पेंशनरों को जबरदस्त फायदा होगा। बताया जाता है कि पेंशन सचिव सी. विश्वनाथ की अध्यक्षता वाली समिति ने इस संबंध में अपनी रिपोर्ट दे दी है।
सातवें वेतन आयोग ने सरकार के समक्ष पेंशन में वृद्धि के दो विकल्प दिए हैं। पहला विकल्प वेतन में 2.57 का गुणा कर पेंशन की गणना करने है, जबकि दूसरा विकल्प इंक्रीमेंटल फार्मूले पर आधारित है।
सरकार ने सातवें वेतन आयोग की सिफारिशें लागू करते वक्त इंक्रीमेंटल फार्मूला चुना, लेकिन इसे लागू करने में आ रही कठिनाइयों को देखते हुए सरकार ने पेंशन सचिव की अध्यक्षता में यह समिति बनाई थी।
इंक्रीमेंटल फार्मूला लागू करने पर पेंशन की गणना में कई तरह की विसंगतियां आ रही थीं। मसलन अगर कोई कर्मचारी जनवरी 2016 से पूर्व रिटायर होता है और दूसरा कर्मचारी जनवरी के अंत में रिटायर हुआ तो महज महीने भर बाद रिटायर होने वाले कर्मचारी को अधिक पेंशन मिलेगी।
समिति ने अब पे-फिक्सेशन मैथड की सिफारिश की है। इस फार्मूले के आधार पर पेंशन की गणना होने पर पेंशनर्स को बढ़ी हुई पेंशन मिलेगी। नए फार्मूले के तहत पेंशनधारकों के समकक्ष ग्रेड के कर्मचारियों को मिल रहे वेतन के आधार पर पेंशन की गणना की जाएगी। इससे सरकारी खजाने पर लगभग 5,000 करोड़ रुपए का भार पड़ेगा।