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नई पेंशन योजना का क्यों हो रहा है विरोध, जानिए क्या है अंतर

नई दिल्ली। देशभर के कर्मचारी संगठनों में नई पेंशन योजना को लेकर उबाल है। कर्मचारी संगठनों के अनुसार नई पेंशन स्कीम पूरी तरह से कर्मचारी विरोधी है। इस पेंशन स्कीम में कर्मचारी कई प्रकार के लाभों वंचित हैं। कर्मचारियों के अनुसार, रिटायरमेंट के बाद महंगाई भत्ता और वेतन आयोगों का लाभ नहीं मिलने, इस पेंशन स्कीम की सबसे बड़ी कमी है। कर्मचारियों का सवाल है कि जब हम जीवनभर सरकार के लिए काम करते हैं तो पेंशन के लिए बीमा कंपनियों पर क्यों निर्भर रहें?

पुरानी व नई पेंशन योजना में यह है प्रमुख अंतर

1-पुरानी पेंशन पाने वालों के लिए जी0 पी0 एफ0 सुविधा उपलब्ध है जबकि नयी पेंशन योजना में जीपीएफ नहीं है।
2-पुरानी पेंशन के लिए वेतन से  होती है जब चाहो जितनी जमा करो जब चाहो जितनी निकालो  जबकि नयी पेंशन योजना में वेतन से प्रति माह 10%की कटौती निर्धारित है और निकालने का कुछ पता नहीं।
3-पुरानी पेंशन योजना में रिटायरमेन्ट के समय एक निश्चित पेंशन (अन्तिम वेतन का 50%) की गारंटी है जबकि नयी पेंशन योजना में पेंशन कितनी मिलेगी यह निश्चित नहीं है यह पूरी तरह शेयर मार्केट व बीमा कम्पनी पर निर्भर है ।

4-पुरानी पेंशन सरकार देती है जबकि नयी पेंशन बीमा कम्पनी देगी । यदि कोई समस्या आती है तो हमे सरकार से नहीं बल्कि बीमा कम्पनी से लडना पडेगा ।
5-पुरानी पेंशन पाने वालों के लिए रिटायरमेंट पर ग्रेच्युटी( अन्तिम वेतन के अनुसार 16.5माह का वेतन) मिलता है जबकि नयी पेंशन वालों के लिये ग्रेच्युटी की कोई व्यवस्था नहीं है ।
6-पुरानी पेंशन वालों को सेवाकाल में मृत्यु पर डेथ ग्रेच्युटी मिलती है जो 7पे कमीशन ने 10लाख से बढाकर 20लाख कर दिया है जबकि नयी पेंशन वालों के लिए डेथ ग्रेच्युटी की सुविधा समाप्त कर दी गयी है ।
7-पुरानी पेंशन में आने वाले लोंगों को सेवाकाल में मृत्यु होने पर उनके परिवार को पारिवारिक पेंशन मिलती है जबकि नयी पेंशन योजना में पारिवारिक पेंशन को समाप्त कर दिया गया है ।
8-पुरानी पेंशन पाने वालों को हर छ: माह बाद महँगाई तथा वेतन आयोगों का लाभ भी मिलता है जबकि नयीपेंशन में फिक्स पेंशन मिलेगी महँगाई या वेतन आयोग का लाभ नहीं मिलेगा यह हमारे समझ से सबसे बडी हानि है ।
9-पुरानी पेंशन योजना वालों के लिए जीपीएफ से आसानी से लोन लेने की सुविधा है जबकि नयी पेंशन योजना में लोन की कोई सुविधा नही है ( विशेष परिस्थिति में कठिन प्रक्रिया है केवल तीन बार वह भी रिफण्डेबल)।
11-पुरानी पेंशन योजना में जीपीएफ निकासी( रिटायरमेंट के समय) पर कोई आयकर नहीं देना पडता है जबकि नयी पेंशन योजना में जब रिटायरमेंट पर जो अंशदान का 60%वापस मिलेगा उसपर आयकर लगेगा
12-जीपीएफपर ब्याज दर निश्चित है जबकि एनपीएस पूरी तरह शेयर पर आधारित है।

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