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ऑनलाइन शॉपिंग में धोखाधड़ी का भंडाफोड़, सर्वे में हुए कई खुलासे

 

नई दि‍ल्‍ली। ऑनलाइन शॉपिंग पर भी धोखाधड़ी का साया मंडरा रहा है। ई-कॉमर्स कंपनि‍यों पर नकली प्रोडक्‍ट्स बि‍कने की शि‍कायत बढ़ती जा रही है। ई-कॉमर्स साइट्स पर हैवी डि‍स्‍काउंट्स पर धड़ल्ले से नकली प्रॉडक्ट्स बेचे जा रहे हैं। हाल ही एक सर्वे में यह बात सामने आई है कि एक तिहाई लोगों को नकली सामान सप्लाई किया जा रहा है।

 

कंज्‍यूमर्स का मानना है कि लोगों का ध्‍यान आकर्षि‍त करने के लि‍ए सामान बेचने वाले ई-कॉमर्स साइट्स पर नकली प्रोडक्‍ट्स को हैवी डि‍स्‍काउंट के साथ पेश करते हैं। वहीं, ज्‍यादातर कंपनि‍यां डि‍स्‍काउंट के चक्‍कर में समान बेचने वालों की मूल जांच नहीं करती हैं।

 

पहले पोल में 6,923 लोगों में से 38 फीसदी कंज्‍यूमर्स ने कहा कि‍ उन्हें बीते एक साल में ई-कॉमर्स साइट से नकली प्रोडक्‍ट मि‍ले हैं। 45 फीसदी ने कहा कि‍ उनके साथ ऐसा नहीं हुआ है जबकि‍ 17 फीसदी ने कहा है कि‍ वह इसके बारे में कुछ नहीं जानते। वहीं, मार्केट रि‍सर्च प्‍लेटफार्म वेलोसि‍टी एमआर द्वारा 3,000 लोगों पर कि‍ए गए एक दूसरे सर्वे में पाया गया कि‍ बीते छह माह में हर तीसरे ऑनलाइन शॉपिंग करने वाले को नकली प्रोडक्‍ट्स मि‍ले हैं।

 

यह पूछने पर कि कौन सी बड़ी ई-कॉमर्स कंपनी ने बीते एक साल में नकली प्रोडक्‍ट भेजा है तो लोगों ने अलग अलग जवाब दिए। 12 फीसदी ने स्‍नैपडील, 11 फीसदी ने अमेजॉन और 6 फीसदी ने फ्लि‍पकार्ट का नाम लिया। 71 फीसदी लोग एेसे हैं जो ऑनलाइन शॉपिंग नहीं करते या उनहें नकली प्रोडक्‍ट नहीं मि‍ला है।
सर्वे में यह भी पाया गया कि नकली प्रोडक्‍ट्स की कैटेगरी में सबसे ऊपर परफ्यूम और दूसरे फ्रेंगनेंस हैं। इसके बाद शूज और स्‍पोर्टिंग गुड्स। वहीं, 51 फीसदी ने कहा कि‍ दूसरे कैटेगरी के प्रोडक्‍ट जैसे फैशन, अपैरल, बैग्‍स, गैजेट्स आदि‍ में नकली समान मि‍लता है।