नई दिल्ली. पब्लिक सेक्टर के इंडियन ओवरसीज बैंक (Indian Overseas Bank) को बड़ा झटका लगा है. दरअसल, भारतीय रिजर्व बैंक यानी आरबीआई (Reserve Bank of India) ने बैंक पर 2.20 करोड़ रुपये का जुर्माना लगाया है. केंद्रीय बैंक ने शुक्रवार को बताया कि आय निर्धारण से जुड़े नियमों का अनुपालन नहीं करने और नियामकीय अनुपालन में अन्य कमियों के लिए बैंक पर जुर्माना लगाया.
यह जुर्माना आरबीआई के कुछ निर्देशों के प्रावधानों के उल्लंघन के लिए लगाया गया है. इनमें ‘आय निर्धारण पर विवेकपूर्ण मानदंड, संपत्ति वर्गीकरण और अग्रिमों से संबंधित प्रावधान आदि शामिल हैं. आरबीआई ने कहा कि यह कार्रवाई विनियामक अनुपालन में कमियों पर आधारित है और बैंक द्वारा अपने ग्राहकों के साथ किए गए किसी भी लेनदेन या समझौते की वैधता का इससे कोई सरोकार नहीं है.
केंद्रीय बैंक ने कहा कि आरबीआई द्वारा 31 मार्च, 2021 को बैंक के पर्यवेक्षी मूल्यांकन के लिए वैधानिक निरीक्षण (आईएसई 2021) उसकी वित्तीय स्थिति के संदर्भ में किया गया था. चेन्नई स्थित बैंक अपने आरक्षित कोष में वर्ष 2020-21 के लिए घोषित लाभ के 25 प्रतिशत के बराबर राशि का न्यूनतम अनिवार्य हस्तांतरण करने में विफल रहा.
ग्राहकों के जमा पर कोई असर नहीं
आरबीआई की ओर से इंडियन ओवरसीज बैंक पर जुर्माना लगाए जाने से बैंक के ग्राहकों की जमा पूंजी पर कोई असर नहीं होगा. इसका कारण यह है कि आरबीआई ने बैंक पर नियमों का पालन नहीं करने के कारण कार्रवाई की है. ऐसे में बैंक की सेवा पर इसका कोई असर नहीं पड़ेगा.
आरबीआई की ओर से इंडियन ओवरसीज बैंक पर जुर्माना लगाए जाने से बैंक के ग्राहकों की जमा पूंजी पर कोई असर नहीं होगा. इसका कारण यह है कि आरबीआई ने बैंक पर नियमों का पालन नहीं करने के कारण कार्रवाई की है. ऐसे में बैंक की सेवा पर इसका कोई असर नहीं पड़ेगा.
दिवालिया होने या लाइसेंस रद्द होने पर 5 लाख का बीमा
बता दें कि डिपॉजिट इंश्योरेंस एंड क्रेडिट गारंटी कॉरपोरेशन इंश्योरेंस स्कीम के तहत बैंकों में जमा 5 लाख रुपये तक की राशि का इंश्योरेंस होता है. इस वजह से बैंक के दिवालिया होने या उसका लाइसेंस रद्द होने की स्थिति में कस्टमर्स को इतनी डिपॉजिट रकम राशि डूबने का खतरा नहीं रहता है. डीआईसीजीसी, रिजर्व बैंक की सब्सिडियरी है, जो बैंक जमा पर इंश्योरेंस कवर उपलब्ध कराती है.
बता दें कि डिपॉजिट इंश्योरेंस एंड क्रेडिट गारंटी कॉरपोरेशन इंश्योरेंस स्कीम के तहत बैंकों में जमा 5 लाख रुपये तक की राशि का इंश्योरेंस होता है. इस वजह से बैंक के दिवालिया होने या उसका लाइसेंस रद्द होने की स्थिति में कस्टमर्स को इतनी डिपॉजिट रकम राशि डूबने का खतरा नहीं रहता है. डीआईसीजीसी, रिजर्व बैंक की सब्सिडियरी है, जो बैंक जमा पर इंश्योरेंस कवर उपलब्ध कराती है.