बांदा। उत्तर प्रदेश के बांदा पुलिस अधीक्षक कार्यालय में उस समय अफरा-तफरी का माहौल बन गया, जब बदमाशों की छेड़खानी से त्रस्त होकर आत्महत्या करने वाली छात्रा के परिजन उसका लेकर वहां पहुंच गए। उन्होंने एसपी पर मदद नहीं करने का आरोप लगाकर यूपी पुलिस को कठघरे में खड़ा कर दिया।
अतर्रा थाने के बल्लान गांव की रहने वाली स्नातक छात्रा ने गुरुवार को बदमाशों की कथित छेड़खानी और मोबाइल फोन पर अश्लील संदेश भेजने से क्षुब्ध होकर घर में फांसी लगा कर आत्महत्या कर ली थी। पुलिस ने पोस्टमॉर्टम कराने के बाद शव उसके परिजनों को सौंप दिया।
परिजनों ने शव का अंतिम संस्कार करने के बजाय पुलिस अधीक्षक कार्यालय में ले जाकर रख दिया और एसपी के ऊपर कानूनी संरक्षण नहीं देने का आरोप लगाकर काफी देर तक हंगामा करते रहे। करीब दो घंटे बाद पुलिस के मान-मनौव्वल करने पर वह अंतिम संस्कार के लिए राजी हुए।
मृत छात्रा के भाई बुजेन्द्र त्रिवेदी का आरोप था कि घटना से एक दिन पहले वह अपने पिता के साथ पुलिस अधीक्षक से मिले थे लेकिन एसपी ने उनकी शिकायत नहीं सुनी और डांट कर भगा दिया। बहन ने डायल 100 और महिला हेल्प लाइन 1090 पर फोन कर शोहदों की शिकायत दर्ज कराई थी, लेकिन कहीं से भी मदद नहीं मिली। लिहाजा बहन ने क्षुब्ध होकर आत्महत्या कर ली।
उसने कहा कि यदि पुलिस समय रहते कार्रवाई करती तो शायद उसे आत्महत्या नहीं करना पड़ती। इस मामले में पुलिस अधीक्षक शालिनी ने बताया कि लड़की का पिता उनसे मिला था और किसी व्यक्ति पर फोन से परेशान करने की शिकायत की थी, जिस पर उसके नंबर को सर्विलांस में दे दिया गया था। उसी दिन उसकी लड़की ने यह कदम उठा लिया।
उन्होंने बताया कि जांच में पाया गया है कि लड़की फोन पर किसी से बात करती थी, इस बात का पता उसके भाई को चला तो उसने आत्महत्या कर ली।
थानाध्यक्ष अतर्रा दुर्गविजय सिंह ने बताया कि लड़की के पिता संतोष त्रिवेदी की तहरीर पर सिकलोढ़ी निवासी अनिल मिश्रा और तीन अन्य युवकों के खिलाफ आत्महत्या के लिए उकसाने और छेड़छाड़ करने का मामला दर्ज कर तफ्तीश की जा रही है।