लखनऊ : आनंद आश्रम की संस्थापिका साध्वी गुरु मां आशुतोषाम्वरी को समाधि में गए आज पूरे 13 दिन हो गए हैं. इन्होंने 28 जनवरी 2024 को अपने गुरु ज्योति जागृति संस्थान के संस्थापक आशुतोष महाराज को उनके शरीर में वापस लाने के लिए समाधि लेने की बात कहकर समाधि ले ली थी. मां आशुतोषाम्वरी ने जाते वक्त अपने शिष्यों से उनके शरीर को संरक्षित करने को कहा था क्योंकि वह अपने गुरु आशुतोष महाराज को जगा कर वह अपने शरीर में वापस आएंगी.
तब से लेकर अब तक साध्वी गुरु मां आशुतोषाम्वरी के शरीर पर केमिकल लगाकर शरीर को कमरे में ही रखा गया है. उनके शरीर में कोई हलचल नहीं हो रही है. आश्रम के शिष्य मान रहे हैं कि मां के प्राण कपाल में चले गए हैं, क्योंकि उन्होंने समाधि ली है और समाधि में ऐसा ही होता है. साध्वी अशुतोषाम्वरी ने समाधि में जाने से पहले अपने भक्तों के लिए एक वीडियो जारी किया था.
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इस वीडियो में उन्होंने कहा था कि वह अपने गुरु आशुतोष महाराज को उठाने में सक्षम नहीं है इसलिए वह समाधि ले रही हैं. बता दें कि 10 साल पहले समाधि ले चुके आशुतोष महाराज के शरीर को उनके शिष्यों ने सुरक्षित रखा हुआ है और उनकी आस्था है कि वह एक दिन समाधि से उठेंगे.
3 फरवरी को लखनऊ सीएमओ डॉक्टर मनोज अग्रवाल की ओर से बीकेटी के चिकित्सा अधीक्षक जितेंद्र प्रताप सिंह को एक टीम गठित करके आश्रम भेजने का निर्देश दिया गया था. इस टीम में वरिष्ठ डॉक्टर बीकेटी के ही थे जिनका नाम डॉक्टर आनंद शर्मा था. जबकि इटौंजा से ईसीजी एक्सपर्ट डॉक्टर आलोक कुमार शर्मा थे. स्टाफ नर्स विष्णु पति पाल और फार्मासिस्ट संतोष सिंह थे.
इन चारों ने जब आशुतोषाम्वरी की पूरी जांच की तो पाया था सांस नहीं चल रही है, दिल काम करना बंद कर चुका है और पल्स भी नहीं चल रही है. इसके बावजूद कहीं ना कहीं यह चारों एक्सपर्ट वायरल वीडियो में यही कहते हुए नजर आ रहे हैं कि शरीर में कहीं न कहीं कुछ हलचल है. ऐसे में अब मामला लगातार तूल पकड़ता जा रहा है.