लखनऊ । नागरिकता संशोधन कानून के विरोध में यूपी में प्रदर्शनकारियों ने सरकारी संपत्ति को बड़े पैमाने पर नुकसान पहुंचाया था। उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ समेत कई शहरों में सीएए के विरोध में हुए प्रदर्शन पर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने सख्त रवैया अपनाया था। योगी ने पहले तो प्रदर्शनकारियों को सरकारी संपत्ति का नुकसान न पहुंचाने की चेतावनी दी थी लेकिन जब यह लोग नहीं माने तब मुख्यमंत्री ने इनको नोटिस और रिकवरी भेजने के आदेश दिए थे। इसके बाद नागरिकता संशोधन कानून के विरोध में प्रदर्शनकारियों ने अपना विरोध बंद कर दिया था।
लेकिन फिर भी योगी ने इनके घरों पर नोटिस चस्पा कर रिकवरी करने के प्रशासन को आदेश दिए थे। इसके विरोध में इलाहाबाद हाईकोर्ट में याचिका डालते हुए याचिकाकर्ता का कहना है कि सुप्रीम कोर्ट की गाइडलाइन के मुताबिक लोक संपत्ति के नुकसान का आकलन करने का अधिकार हाईकोर्ट के सीटिंग या सेवानिवृत्त जज अथवा जिला जज को है, एडीएम सिटी को नोटिस जारी करने का अधिकार नहीं है।
नाेटिस-रिकवरी रोकने के लिए हाईकोर्ट में डाली थी याचिका
नागरिकता कानून के प्रदर्शनकारियों ने इलाहाबाद हाईकोर्ट में उत्तर प्रदेश सरकार के रिकवरी रोकने के लिए एक याचिका डाली थी जिसकी आज सुनवाई हुई है। प्रदर्शन के दौरान हुए नुकसान की भरपाई पर इलाहाबाद हाई कोर्ट ने बड़ा फैसला सुनाया है। हाई कोर्ट ने नुकसान की भरपाई के लिए जारी वसूली नोटिस पर रोक लगा दी है। सार्वजनिक संपत्ति को हुए नुकसान को लेकर एडीएम सिटी कानपुर ने नोटिस जारी की थी।
इस नोटिस पर हाई कोर्ट ने अगले आदेश तक रोक लगा दी है। कानपुर के एक शख्स ने इलाहाबाद हाई कोर्ट में याचिका दाखिल की, उसने 4 जनवरी 2020 को एडीएम सिटी द्वारा जारी नोटिस को चुनौती दी थी। याचिका में आरोप लगाया गया कि सुप्रीम कोर्ट द्वारा सार्वजनिक संपत्ति को नुकसान के मामले में गाइडलाइन तय की गई है, जिसका पालन योगी सरकार ने नहीं किया है।
योगी सरकार प्रदर्शनकारियों खिलाफ कर रही थी कार्रवाई
उत्तर प्रदेश की योगी सरकार राज्य में हुई हिंसा और तोड़फोड़ के आरोपियों के खिलाफ लगातार कार्रवाई कर रही थी उनको रिकवरी करने के लिए नोटिस प्रशासन भेज रहा था। नागरिकता संशोधन कानून के खिलाफ प्रदर्शन के दौरान उत्तर प्रदेश में जगह-जगह हिंसा हुई थी। इसके बाद प्रदर्शनकारियों के खिलाफ योगी सरकार ने एक्शन लेना शुरू किया और उनको सार्वजनिक संपत्तियों के नुकसान की भरपाई के लिए रिकवरी नोटिस जारी किया।
जुर्माना नहीं चुकाएंगे तो संपत्ति कुर्क की जा सकती है। सोमवार को इलाहाबाद हाईकोर्ट ने याचिका पर सुनवाई करते हुए वसूली और नोटिस पर अगले आदेश तक रोक लगा दी है। हाईकोर्ट के इस फैसले के बाद योगी सरकार को जरूर झटका लगा है।