वाराणसी। चौबेपुर क्षेत्र में रविवार की रात बड़े ही धूमधाम से बारात पहुंची। जयमाल के बाद हिंदू धर्म के रिति रिवाज वैदिक मंत्रोच्चार के साथ विधिवत सिन्दूर दान कराकर शादी रचाई गई। लेकिन सोमवार की सुबह जब विदाई के लिए तैयारी शुरू हुई तो दुल्हन ने उम्रदराज दूल्हा के साथ जाने से इंकार कर दिया। मामला थाने पहुंचा दोनों पक्षों से घंटों पंचायत की गई लेकिन दुल्हन के जिद पर चंद घंटों बने रिश्ते टूट गया।
चौबेपुर के कादीपुर खुर्द गांव निवासी राजा बाबू चौहान की बेटी काजल की शादी साकेत नगर संकटमोचन वाराणसी निवासी स्व प्रभु चौहान के बेटे संजय चौहान के साथ 5 जुन रविवार को तय हुआ। बारात भी धूम धाम से आई घरातियों ने सामर्थ के अनुसार बारात का गर्म जोशी से स्वागत किया। द्वारचार, जयमाल के बाद हिंदू धर्म से सिंदूर दान कर दुल्हा-दुल्हन ने साथ जीने मरने की कसमें भी खाई। लेकिन भगवान को कुछ और ही मंजूर था।
सोमवार की सुबह जब विदाई की तैयारी होने लगी दहेज का सारा सामान ट्रैक्टर पर भी लद गया तभी दुल्हन ने उम्रदराज दूल्हा के साथ जाने से इंकार कर दिया। इसपर वर पक्ष व कन्या पक्ष दोनों में कहासुनी होने लगी मामला थाने पहुंचा।
थानाध्यक्ष अनिल मिश्रा ने दोनों पक्षों से बैठकर आपसी हल निकालवाने का प्रयास किया। घंटों पंचायत होती रही लेकिन दुल्हन के जिद के आगे सभी ने घुटने टेक दिए। अंततः शादी के कुछ घंटे बाद ही पति-पत्नी का रिश्ता टूट गया। इस घटना की पूरे इलाके में चर्चा होती रही।