वाराणसी। भारत में नि:स्वार्थ भाव से सेवा करने वाले लोगों की कमी नहीं है। ऐसा ही वाराणसी में रहने वाले राघवेंद्र ने सड़क हादसे में अपने दोस्त को खोने के बाद अब बीड़ा उठा लिया है, क्योंकि बिना हेलमेट उनके दोस्त की जिंदगी खत्म हो गई थी इसलिए बिना हेलमेट किसी अन्य की जिंदगी खत्म नहीं होने देंगे, जिसकी चर्चा पूरे वाराणसी में हो रही है। लोग अब उन्हें हेलमेट मैन के नाम से पुकारते हैं।इतना ही नहीं वे लोगों को हेलमेट देकर शपथ भी दिलाते हैं कि बिना हेलमेट वाहन नहीं चलाएंगे और दूसरों को हेलमेट देने के लिए जागरूक करेंगे।
राघवेंद्र बताते हैं कि एक सड़क दुर्घटना में उनके दोस्त की मौत हो गई थी।उनके दोस्त ने भी हेलमेट नहीं लगाया था। दोस्त के परिवार की करुणा ने राघवेंद्र को इस कदर झकझोरकर रख दिया कि उन्होंने निश्चय किया कि वो लोगों को इसके प्रति जागरूक बनाएंगे। इसलिए उन्होंने नौकरी छोड़कर लोगों को मुफ्त में हेलमेट बांटने का अभियान शुरू कर दिया।शुरू में लोगों में मुफ्त में हेलमेट लेने की होड़ लग गई और लोग एक की बजाय दो-दो हेलमेट लेने लगे।
जिसके बाद उन्होंने इसे शिक्षा से जोड़ दिया और पुस्तक लेकर हेलमेट देना शुरू कर दिया। लोगों से मिलने वाली किताबों को उन्होंने एक जगह व्यवस्थित किया और गरीब बच्चों को पढ़ने के लिए इन किताबों को देना शुरू कर दिया, ताकि किताब या पैसे के अभाव में कोई भी बच्चा पढ़ाई से दूर न हो। जरूरतमंद बच्चे आकर पुस्तकों का लाभ उठाते हैं।
राघवेंद्र ने अब तक जितने पैसे कमाए थे, सब इस काम में लगा दिए, यहां तक कि जब पैसों की कमी पड़ी तो अपना घर भी बेच दिया। उनका मानना है कि जब तक हिम्मत और पैसा है, ये अभियान चलाएंगे। अगर इसमें जनभागीदारी मिलनी शुरू हुई पूरे देश में लोगों को हेलमेट पहनने के लिए जागरूक करेंगे और पुस्तकों से देश में 100 प्रतिशत साक्षरता लाने का प्रयास करेंगे।