आगरा. उत्तर प्रदेश के आगरा में शादी का एक अलग ही मामला सामने आया है, जिसके बाद से सभी अचंभित है. एत्तमद्दौला क्षेत्र के रहने वाले युवक की शादी के बाद सुहागरात वाले दिन जब पति ने पत्नी से वैवाहिक संबंध स्थापित करने का प्रयास किया तो पता चला की पत्नी स्त्री नहीं है, बल्कि किन्नर है. पत्नी के प्राइवेट पार्ट विकसित नहीं है.
जिसके बाद पति ने पहले पत्नी को कई डॉक्टरों को दिखाया, जिससे की इलाज करा कर सही हो सके, लेकिन सफलता नहीं मिली तो पति के कोर्ट में तलाक की अर्जी दे डाली. सात साल बाद कोर्ट में फैसला दिया, और दोनों का तलाक करवा दिया.
बृजेश कुमार, निवासी उत्तरी प्रकाश पुरम टेढ़ी बगिया, थाना एत्माद्दौला आगरा ने कोर्ट में वाद प्रस्तुत किया था. जिसमे उसने कहा था कि शसुनीता देवी पुत्रि शबलबीर सिंह निवासी बड़ा मोहल्ला नारखी, थाना नारखी, जिला फिरोजाबाद के साथ उसकी शादी 27 जनवरी 2016 को हिंदू रीति रिवाज के साथ संपन्न हुई थी.
लेकिन जब सुहागरात वाले दिन पत्नी से वैवाहिक संबंध बनाने के प्रयास किए तो पता चला कि पत्नी के प्राइवेट पार्ट विकसित नहीं है. वह स्त्री नहीं है बल्कि किन्नर है. उसके साथ किसी भी तरह का संबंध बनाना संभव नहीं। इस दौरान पत्नी को कई डॉक्टरों को दिखाया. वह कुछ दिन ससुराल में ही रही, और फिर अपने मायके चली आई.
पति ने कोर्ट में मेडिकल रिपोर्ट और अन्य डाक्टरों की रिपोर्ट के साथ तलाक की अर्जी दे डाली। 7 साल चले मुकदमे के बाद अब कोर्ट ने समस्त सबूतों को देखते हुए वादी के पक्ष में निर्णय सुनाया और तलाक के आदेश दिए.