हाथरस। अनुसूचित जाति की विधवा ने एक समुदाय के व्यक्ति पर खुद को ब्राह्मण बताकर दुष्कर्म करने का आरोप लगाया है। जब पुलिस ने पीड़िता की रिपोर्ट दर्ज नहीं की तो पीड़िता ने न्यायालय में गुहार लगाई। न्यायालय ने इस मामले में थाना हाथरस गेट पुलिस को प्रथम सूचना रिपोर्ट दर्ज कर विवेचना कराए जाने के आदेश दिए हैं। आरोप यह भी है कि विधवा महिला करीब साढ़े तीन माह की गर्भवती है।
थाना सासनी क्षेत्र के एक मोहल्ले की निवासी महिला ने विशेष न्यायाधीश (एससी-एसटी एक्ट) रामप्रताप सिंह के न्यायालय में प्रार्थना पत्र दाखिल किया था। आरोप लगाया कि वह अनुसूचित जाति की विधवा है। 20 जनवरी 2023 को समय लगभग दोपहर दो बजे तालाब चौराहे के निकट मथुरा जाने के लिए वह इंतजार कर रही थी। तभी एक गाड़ी आकर रुकी, उसमें वह मथुरा के लिए बैठ गई।
रास्ते में एक गाड़ी के ड्राइवर ने यह कहकर उसका मोबाइल फोन मांगा कि उसका मोबाइल कहीं गिर गया है, उस पर कॉल कर दीजिए। उसने अपना फोन देकर कॉल करवा दी। उसके बाद शाम करीब छह बजे पीड़िता के फोन पर एक कॉल आई। कॉल करने वाले ने खुद को ब्राह्मण बताकर उसे मिलने के लिए बुलाया। वह उससे मिलने पहुंची और अपने बच्चों से उसका परिचय कराया।
आरोप है कि एक जनवरी 2024 को रात करीब आठ बजे आरोपी ने पीड़िता के घर के पास पहुंचकर उसे फोन कर बुला लिया और उसे ईको गाड़ी में बैठा लिया। सासनी से हाथरस आते वक्त आरोपी ने उसके मना करने के बावजूद उसके साथ दुष्कर्म किया, जिससे वह गर्भवती हो गई। पुलिस में शिकायत करने की बात करने पर वह व्यक्ति उसे अपने घर हाथरस ले गया। तब पीड़िता को पता चला कि वह हिंदू नहीं अपितु दूसरे समुदाय का है। आरोपी व्यक्ति के घर शादी की बात करने पर उसकी मां, पत्नी, उसके ताऊ, भाई ने अपना धर्म परिवर्तित कर शादी कराने की बात की। धर्म परिवर्तन न करने पर शादी नहीं करने की बात की।