शाहजहांपुर। कोरोना काल के बाद भारत से विदेश में नौकरी करने गए युवक की मार्च में मौत हो गई, लेकिन इसकी जानकारी घर वालों तक को नहीं लगी। युवक यूपी के शाहजहांपुर का रहने वाला था। बेटे की मौत से अंजान मां उसके वापस आने की आस लगाए बैठी थी। घर में रोजाना की तरह ही चहल-पहल थी। पत्नी भी अपने पिया के आने के इंतजार में एक-एक दिन काट रही थी। अचानक अगस्त में आई एक खबर ने घर में कोहराम मचा दिया।
बेटे की मौत की खबर सुनकर मां का कलेजा फट गया था। पत्नी भी बदहवास थी। घर में सिसकियों के अलावा कुछ भी सुनाई नहीं दे रहा था। मां बेटे को आखिरी बार देखना चाहती थी, लेकिन वह भी शायद उसका नसीब न हो सका। मां और भाई शव को भारत लाकर अंतिम संस्कार करना चाहते थे, लेकिन सात महीने तक विदेश में रखे शव को सुनकर पत्नी ने बड़ा फैसला ले लिया। अब घरवालों की गैर मौजूदगी में विदेश में ही युवक का अंतिम संस्कार किया जाएगा। युवक की पत्नी ने भी इसको लेकर अनुमति दे दी है।
शाहजहांपुर के पुलिस अधीक्षक एस आनंद ने बताया कि मोहम्मद आलम (35) नौकरी करने जेद्दा गए थे और उनके परिजन यहां रहते हैं। उन्होंने बताया कि सात महीने पहले आलम की मौत हो गई। उन्होंने बताया कि जैसे ही मामला उनके संज्ञान में आया उन्होंने मृतक के परिजनों को ढूंढ कर उन्हें दूतावास द्वारा भेजी गई सूचना तथा सहमति पत्र के बारे में भी बता दिया। जिसके बाद मृतक की मां और भाई ने इसको लेकर सहमति दे दी कि वे चाहते हैं कि उनके भाई का शव यहां भारत लाया जाए।
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उन्होंने बताया कि वहीं मृतक की पत्नी फरहीन ने जेद्दा में रह रहे अपने किसी परिचित को अधिकृत पत्र भेज दिया है कि वह उसके पति का अंतिम संस्कार जेद्दा में ही कर दें। उन्होंने बताया कि मृतक की पत्नी द्वारा भेजे गए अधिकृत पत्र में यह कहा गया है कि वह दूतावास को बताकर शव प्राप्त कर सकते हैं। वहीं पर उनका अंतिम संस्कार कर दिया जाए क्योंकि काफी समय से उनके पति का शव वहीं के एक मेडिकल सेंटर में रखा हुआ है। आनंद ने बताया कि मृतक के परिवार की भावनाएं और इच्छा के तहत ही वह मृतक के परिजनों की पूरी मदद कर रहे हैं और उन्हें सारी स्थिति से अवगत भी करा दिया गया है।