आगरा। सिकंदरा के शास्त्रीपुरम मंगलम आधार अपार्टमेंट में अधिवक्ता सुनील शर्मा की मौत के मामले में पुलिस कठघरे में है। शनिवार की रात अधिवक्ता की पत्नी सुनीता शर्मा ने पुलिस पर पति को बालकनी से फेंककर मार डालने का आरोप लगाते हुए तहरीर दी है। तहरीर में एसओ न्यू आगरा सहित दो पुलिसकर्मी नामजद हैं। 10 अज्ञात पुलिसकर्मियों का जिक्र है। इतना ही नहीं परिजन ने चेतावनी दी है कि पोस्टमार्टम तभी होगा जब मुकदमा दर्ज करके आरोपी पुलिसकर्मी गिरफ्तार कर लिए जाएंगे।
पुलिस आयुक्त को संबोधित प्रार्थनापत्र को ही तहरीर बताते हुए सुनीता शर्मा ने लिखा है कि आपराधिक षड्यंत्र के तहत मनोज दीक्षित उर्फ मनोज शर्मा ने उनके पति के खिलाफ न्यू आगरा में मुकदमा दर्ज कराया। पति इस संबंध में अधिकारियों से मिले।
बेगुनाही के साक्ष्य दिए। अधिकारी संतुष्ट थे।
आश्वासन दिया कि जरूरत पड़ने पर थाने बुलाया जाएगा। शुक्रवार की रात 10:45 बजे पुलिस वाले आए। उनके फ्लैट का दरवाजा खटखटाया। उन्होंने दरवाजा खोला। पुलिस वालों ने कहा कि पति को न्यू आगरा थाने भेज देना। मुकदमा दर्ज है। करीब 10 मिनट बाद पुलिस वालों ने जबरन उनके घर का मुख्य दरवाजा तोड़ दिया।
सुनीता शर्मा का आरोप है कि पुलिस वालों ने अंदर आकर पति को दबोच लिया। जान से मारने की नीयत से घसीटकर बराबर वाले फ्लैट नंबर 802 में बंधक बना लिया। 5-7 मिनट बाद उनके पति के चीखने की आवाज आई। वह शोर मचाती हुई बाहर निकलीं।
आठ-दस पुलिस वाले जिसमें राजीव सिंह, अनुराग सिंह आदि थे, जो बराबर वाले फ्लैट के कमरे में थे। सभी लोगों ने मिलकर उनके पति को फ्लैट नंबर 802 की बालकनी से नीचे फेंक दिया। जिसके कारण उनके पति की मृत्यु हो गई। पुलिस वाले घर में रखे उनके पति के आवश्यक अभिलेख भी साथ ले गए। पुलिस ने अपने बचाव में अपराध के अपने साक्ष्यों को नष्ट कर दिया। मुकदमा लिखकर अपराधियों के खिलाफ कार्रवाई करें।
पुलिस को देख छिपे थे, फिसला पैर ?
अपार्टमेंट में ठीक सामने वाली बिल्डिंग में अधिवक्ता सुनील शर्मा का आठवीं मंजिल पर फ्लैट है। फ्लैट नंबर 801 में सात महीने पहले उनका परिवार शिफ्ट हुआ था। बराबर में फ्लैट नंबर 802 है। दोनों फ्लैट की बालकनी आपस में सटी हैं। बीच में नौ इंच का पिलर है। बालकनी में लोहे का फ्रेम है। उस पर गमले रखे हैं। फॉरेंसिक टीम को गमले वाली जगह दीवार पर फिंगर प्रिंट मिले। टीम ने आशंका जताई कि अधिवक्ता सुनील शर्मा पुलिस के आने पर घबरा गए। अपने फ्लैट की बालकनी से बराबर स्थित फ्लैट की बालकनी में गए।
सुनील शर्मा का शव दूसरी तरफ वाली बालकनी के नीचे मिला था। फ्लैट 802 खाली पड़ा है। जिस बालकनी के नीचे अधिवक्ता का शव मिला उस जगह भी लोहे की रेलिंग है। बालकनी के बाहर 8 इंच का छज्जा निकला है। पुलिस आशंका जता रही है कि पुलिस से छिपने के लिए अधिवक्ता सुनील इस जगह खड़े थे। पैर फिसलने पर पहले चप्पल नीचे गिरी। कुछ क्षण बाद ही वह नीचे गिरे।