बीसलपुर के गांव अर्जुनपुर के रहने वाले बाबू राम ने कुछ दिनों पहले अपना आय प्रमाण पत्र बनवाने के लिए एक साइबर कैफे पर ऑनलाइन आवेदन किया था। ऑनलाइन आवेदन में ग्रामीण ने 4000 रुपए मासिक और 48 हजार रुपए वार्षिक आय होने का प्रमाण दिया था, लेकिन 19 दिसंबर को तहसीलदार आशुतोष कुमार के हस्ताक्षर से एक आय प्रमाण पत्र जारी किया गया। जिसमें 4 रुपए मासिक आय और 48 रुपए वार्षिक आय दर्शाई गई। तहसील प्रशासन से प्रमाणित प्रमाण पत्र में तहसीदार आशुतोष कुमार के हस्ताक्षर भी मौजूद थे। साथ में यह भी कहा गया कि यह 3 वर्ष तक ही मान्य होगा। जब यह प्रमाण पत्र ग्रामीण के हाथ गया तो वह देखकर हैरान हो गया।
ग्रामीण ने जब प्रमाण पत्रों को राजस्व विभाग के अधिकारियों को दिखाया तो अधिकारी भी प्रमाण पत्र देखकर हतप्रभ रह गए और मामले को छुपाने में लग गए। तहसीलदार आशुतोष कुमार ने कहा कि बाबूराम का आय प्रमाण पत्र 4 हजार रूपए मासिक और 48 हजार रूपए वार्षिक का बनाया गया था, लेकिन तकनीकी वजह से गलत आय प्रमाण पत्र जारी हो गया है। डीएम कार्यालय पत्र भेजकर आय प्रमाण पत्र को निरस्त कराने की अनुमति मांगी गई है। अनुमति मिलते ही गलत प्रमाण पत्र निरस्त कर दिया जाएगा और उसके स्थान पर सही प्रमाण पत्र जारी किया जाएगा।