बरेली। उत्तर प्रदेश के बरेली में तीन तलाक के बाद एक माह तक बंधक बनाकर रखी गई महिला रजिया ने भूख-प्यास के चलते दम तोड़ दिया।
प्रभारी वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक सतीश कुमार ने बुधवार को बताया कि रजिया की मृत्यु के बाद उसके शौहर और परिवार वालों के खिलाफ थाने में दहेज उत्पीड़न की एफआईआर दहेज हत्या में तरमीम कर दी गई है।
रजिया के बड़े भाई असगर अली के मुताबिक रजिया के ससुराल वालों के अलावा उसका पति नईम उसकी मौत का जिम्मेदार है क्योंकि उसी के घर में रजिया को भूखा प्यासा बंधक बनाकर रखा गया था। उन्होंने बताया कि पुलिस आरोपी की गिरफ्तारी के प्रयास कर रही है। मामले की जांच क्षेत्राधिकारी अशोक कुमार मीणा को सौंपी गई है।
रजिया के मायके वालों के अनुसार गंभीर हालत होने पर इलाज के लिए लखनऊ ले जाते वक्त उसने दम तोड़ दिया। गौरतलब है कि बरेली शहर के स्वालेनगर में रहने वाली रजिया की शादी करीब 13 साल पहले 2005 में किला कटघर के नईम से हुई थी।
उनकी बहन तारा का आरोप है कि शादी के बाद से ही नईम दहेज के लिए रजिया को तंग करने लगा। इसी साल फरवरी मार्च में उसके साथ मारपीट की गई। दो जुलाई को रजिया जिला अस्पताल के इमरजेंसी वार्ड में भर्ती कराई गई थीं।
अस्पताल में भर्ती के समय रजिया ने रोते हुए जुल्म की दास्तां सुनाते हुए कहा कि मेरे शौहर ने तलाक दे दिया और घर में ही कैद कर दिया। खाने को दाना नहीं था। छह साल के बेटा अनस की भूख मुझसे बर्दाश्त नहीं होती। गिड़गिड़ा कर बेटे के लिए खाना मांगती थी।
मेरा हक फाउंडेशन की अध्यक्ष फरहत नकवी का कहना है कि दो दिन पहले रजिया ने कहा कि मेरे बेटे अनस को पाल लेना। रजिया की बहन ने मुख्यमंत्री पोर्टल, डीएम, किला थाने हर जगह फरियाद लगाई। लिखित शिकायतें कीं लेकिन किसी ने भी रजिया की अर्जी को पलटकर नहीं देखा। उसकी बहन तारा को इसी का मलाल है कि पुलिस साथ देती तो आरोपियों को सजा मिलती।
तंजीम उलमा-ए-इस्लाम के महासचिव मौलाना शहाबुद्दीन का कहना हैं कि तलाक देने के बाद कोई शख्स औरत के साथ किसी तरह की जोर-जबरदस्ती नहीं कर सकता है। तलाक के बाद औरत के साथ जोर-जबरदस्ती का कोई हक नहीं हैं। उन्होंने कहा कि आरोपी को कड़ी सजा मिलनी चाहिए।