मैनपुरी। सत्ता का रौब झाड़ना और मुफ्त में पुलिस सुरक्षा हासिल करने का दबाव बनाना एक भाजपा नेता को भारी पड़ गया। नेता के अंदाज से चिड़े पुलिस अधीक्षक ने उसे हवालात में डाल दिया। हालांकि बाद में जब दूसरे नेता उसे छुड़ाने पहुंचे तो एसपी ने हिदायत देते हुए उसे रिहा कर दिया।
हुआ यूं कि भाजपा नेता आशीष पांडेय शुक्रवार को पुलिस अधीक्षक कार्यालय पहुंचे। उन्होंने पुलिस अधीक्षक राजेश एस. से जिला पंचायत पूर्व अध्यक्ष प्रियरंजन आशू दिवाकर के लिए मुफ्त में सुरक्षा गार्ड गनर की मांग की। पुलिस अधीक्षक ने सरकार के आदेशों का हवाला देते हुए सुरक्षा कर्मी के लिए भुगतान कराने को कहा।
इस पर आशीष पांडेय ने बाद में भुगतान कर देने की बात कही। पुलिस अधीक्षक ने गनर का भुगतान पहले ही राजकोष में जमा करने का नियम बताया तो आशीष पांडेय उखड़ गए और बहस करने लगे। सत्ता की धौंस देने पर पुलिस अधीक्षक का माथा ठनका और उन्होंने आशीष पांडेय को हिरासत में लेने का आदेश दे दिया। एसपी के निर्देश पर पहुंची कोतवाली पुलिस पांडेय को हिरासत में लेकर आ गई। जानकारी मिलते ही भाजपा जिलाध्यक्ष आलोक गुप्ता व अन्य पदाधिकारी पुलिस अधीक्षक के पास पहुंचे। बाद में पुलिस अधीक्षक के निर्देश पर आशीष पांडेय को हवालात से रिहा कर दिया गया।
आशीष पांडेय ने तर्क दिया कि मैं तो आशू दिवाकर के गनर मांगने के अलावा जनसमस्याओं को लेकर एसपी के पास गया था। लेकिन जनता की समस्याओं को लेकर एसपी उखड़ गए।
पूर्व जिला पंचायत अध्यक्ष आशू दिवाकर ने भी पांडेय का पक्ष लेते हुए कहा कि पांडेय मेरे प्रार्थना पत्र के साथ ही कई अन्य जनसमस्याएं लेकर गए थे। जनसमस्याओं को लेकर ही एसपी से उनकी बहस हुई और एसपी भड़क गए।