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बाबरी मस्जिद विध्वंस की बरसी आज, विश्व हिन्दू परिषद नहीं करेगी कोई आयोजन

अयोध्या। मर्यादा पुरुषोत्तम भगवान श्रीराम की नगरी अयोध्या में श्रीरामजन्मभूमि पर भव्य मंदिर का निर्माण शुरू हो जाने से संतुष्ट विश्व हिन्दू परिषद छह दिसम्बर को किसी भी प्रकार का आयोजन नहीं करेगी।

विहिप के प्रांतीय मीडिया प्रभारी शरद शर्मा ने शुक्रवार को कहा कि नौ नवम्बर 2019 को श्रीरामजन्मभूमि विवाद का फैसला उच्चतम न्यायालय ने सुना दिया था जिसके बाद भव्य श्रीराम मंदिर के निर्माण का काज शुरू हो चुका है। हमारा उद्देश्य पूरा हो चुका है और अब छह दिसम्बर को किसी कार्यक्रम की जरूरत नहीं है। हालांकि संत-धर्माचार्य और विहिप का शीर्ष नेतृत्व जो भी निर्णय लेगा, वह कार्यक्रम मनाया जाएगा।

उन्होंने कहा कि कोविड 19 को देखते हुए कोई कार्यक्रम वैसे भी रखना नहीं है लेकिन 15 जनवरी 2021 से धन संग्रह अभियान विश्व हिन्दू परिषद शुरू करेगा जिसमें पूरे देश से दस रुपये और सौ रुपए देश के दस करोड़ लोगों से मंदिर निर्माण के लिए मांगा जाएगा। उन्होंने कहा कि विश्व हिन्दू परिषद का सारा ध्यान उसी पर केन्द्रित है।

शर्मा ने बताया कि श्रीरामजन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के अध्यक्ष एवं मणिराम दास छावनी के महंत नृत्यगोपाल दास ने नौ नवम्बर 2019 को सुप्रीम कोर्ट का मंदिर के पक्ष में फैसला आने के बाद जो पहला छह दिसम्बर पड़ा था उसमें उन्होंने कहा था कि न मने काला दिवस, न मने यौमे गम, न ही मने शौर्य दिवस, अब हो रहा है मंदिर का निर्माण।

उन्होंने यह भी कहा था कि सभी पक्ष करें फैसले का सम्मान, आपस के सारे मनमुटाव को दूर कर, करें राम मंदिर निर्माण का सम्मान। इस समय ट्रस्ट के अध्यक्ष का इलाज मेदांता अस्पताल में चल रहा है।

इस बीच आल इंडिया मुस्लिम मजलिस ने बाबरी मस्जिद के शहादत के 28वीं बरसी के सम्बन्ध में एक बैठक किया, जिसकी अध्यक्षता ऑल इंडिया मुस्लिम मजलिस प्रदेश अध्यक्ष मोहम्मद नदीम सिद्दीकी ने की।

उन्होंने एक विज्ञप्ति जारी कर कहा कि देश के संविधान, लोकतंत्र, न्यायपालिका की सर्वोच्चता को कुचलते हुए छह दिसम्बर 1992 को बाबरी मस्जिद शहीद कर दिया था। इस घटना को लेकर कल अर्थात रविवार छह दिसम्बर को काला दिवस व शोक दिवस के तौर पर मनाया जाएगा तथा देश की अमन पसंद संविधान व न्यायालय की सर्वोत्तम निष्पक्षता में विश्वास रखने वालों से अपील है कि कोविड-19 के गाइड लाइन का पालन करते हुए इस दिवस में सामूहिक तौर से व व्यक्तिगत तौर से मस्जिदों व घरों में बाजू पर काली पट्टी बांधकर शोक प्रकट करें तथा देश में संविधान, लोकतंत्र को बहाल करने में मजबूती मिल सके।

बैठक में मोहम्मद इमरान खान, मोहम्मद फईम, मोहम्मद अकरम एडवोकेट, मोहम्मद फिरोज एडवोकेट, अब्दुल सलाम, मसूर अहमद, परवेज अहमद, सैय्यद मुफीद अहम आदि शामिल रहे।