मथुरा/वृंदावन। रक्षाबंधन पर अपने भाई के स्वरूप ठाकुर बांके बिहारी को राखी भेजने वाली बहनों को मंदिर प्रबंधन की ओर से रिटर्न गिफ्ट भेजा जाए। इसमें इसमें आराध्य का आशीर्वाद रूपी कृपापत्र संदेश व यथा संभव प्रसाद आदि हो सकता है। इससे भेजने वाले को सेवा सामग्री के पहुंचने की जानकारी होगी औरआराध्य का शुभाशीष भी प्राप्त होगा।
यह विचार सोमवार को ठाकुर बांकेबिहारी मंदिर परिसर में सेवायत श्रावणी सत्संग में अंतरराष्ट्रीय सेवायत परिषद् के संस्थापक इतिहासकार आचार्य प्रहलाद बल्लभ गोस्वामी ने व्यक्त किए। उन्होंने कहा कि अतिविशिष्ट जनों के यहां भी पत्राचार अथवा उपहार प्रेषित करने पर प्रति उत्तर अवश्य आता है। हम सेवायतों के यहां भी राखी भेजने वाले निजी भक्तों को भोग प्रसाद वस्त्र आशीर्वाद आदि भेजा जाता है। यदि मंदिर प्रबंधन द्वारा रिटर्न गिफ्ट स्वरूप अनुग्रह पत्र भेजा जाए तो इसकी सर्वत्र सराहना होगी।
ठाकुर श्रीबांकेबिहारीजी महाराज के आनंद उत्सव राजभोग सेवाधिकारी आचार्य नरेंद्र किशोर गोस्वामी ने कहा कि हर साल रक्षाबंधन पर मंदिर कार्यालय में हजारों राखियां और चिठ्ठियां पहुंचती हैं। इनमें सोने, चांदी, रेशम व नोटों की राखी आतीं हैं, परंतु किसी को भी जवाबी सूचना नहीं मिलती।
अध्यक्षता करते हुए ठाकुरजी के शयनभोग सेवाधिकारी आचार्य आनंद बिहारी गोस्वामी ने कहा कि कमेटी में आने वाली सभी तरह की राखियां, उपहार एवं पत्रों को सूचीबद्ध करके सभी को जवाबी पत्र या व्हाट्सअप के माध्यम से सेवा प्राप्ति की सूचना देकर संतुष्ट करना चाहिए। आचार्य आशीष गोस्वामी ने भी विचार रखे। संचालन आचार्य विप्रांश बल्लभ गोस्वामी ने किया। नीरज गौतम, रामलला मिश्र, प्राणकृष्ण शर्मा आदि मौजूद रहे।