एसएसपी ने बताया कि गैंगस्टर विकास दुबे को ला रही गाड़ी पलट गई थी। वह किसी तरह बाहर निकला और घायल सिपाहियों की पिस्टल छीनकर भागने लगा। एसटीएफ के जवानों ने तब मोर्चा संभाल लिया। वेस्ट कानपुर के एसपी ने बताया कि विकास दुबे को सरेंडर करने को कहा गया था, लेकिन उसने फायरिंग शुरू कर दी. जवाबी फायरिंग में वह मारा गया।
मालूम हो कि विकास ने कल खुद ही उज्जैन के महाकाल मंदिर में सरेंडर किया था। ऐसे में सवाल उठ रहे हैं कि जिसने खुद को कानून के हवाले किया था, वह भागने की कोशिश क्यों करेगा ?
उधर, कई लोगों ने इसे कुदरत का न्याय तो कइयों ने इसे एसटीएफ का न्याय बताया है। गैंगस्टर आठ पुलिसकर्मियों की हत्या कर भागा था। उसका सही हश्र हुआ।