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फर्जी बीमा कॉल सेंटर का भंडाफोड़, 9 महिलाओं समेत 13 अरेस्ट

बरेली। उत्तर प्रदेश के बरेली में कॉल सेंटर का नाम लेकर शहर में संचालित ठगी का एक और अड्डा पकड़ा गया है। फोन कॉल कर गिरोह के सदस्य लोगों को सस्ता इंश्योरेंस प्लान समझा कर लोगों को झांसे में लेते थे और इसके बाद प्रीमियम के नाम पर रुपए खाते में जमा करा लेते थे।

ऑनलाइन फर्जी रसीद भेज दी जाती थी। आरोपियों ने दिल्ली के अक्षरधाम मंदिर के केयरटेकर से मोटी रकम हडप ली थी। उनकी शिकायत पर दिल्ली पुलिस आरोपियों की तलाश करते हुए बरेली तक पहुंची तो गिरोह का भंडाफोड़ हुआ। इस मामले में संचालक समेत 13 लोगों को गिरफ्तार किया गया है जिनमें 9 महिला है। पुलिस ने दो लैपटॉप, 25 मोबाइल फोन, 50 सिम और रजिस्टर बरामद किए हैं।

बरेली के वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक शैलेश के पांडे ने आज यहां कहा कि अक्षरधाम मंदिर के केयरटेकर से ठगी करने वाली वालों से पूछताछ में कई चौंकाने वाली जानकारी मिली है। उन्होंने कहा कि पीलीभीत के अनिल ने किराए पर एक भवन लेकर कई लड़कियों को 5000 प्रतिमाह की नौकरी पर रखा था। यूं दिखावे के लिए यहां बीमा सेक्टर की नामी कंपनी का कॉल सेंटर संचालित था और उसकी आड़ में ठगी का धंधा चल रहा था।

 

लड़कियों से लोगों को कॉल कराई जाती थी कि उनकी छह लाख की बीमा पॉलिसी मैच्योर हुई है। भुगतान के लिए आयकर के रूप में करीब 10 फीसदी रकम अपने खाते में मंगाई जाती थी। उम्रदराज लोगों से कहा जाता था वह 50000 रुपए जमा करेंगे तो यूपी सरकार में मिलने वाली 3000 प्रति माह की पेंशन दी जाएगी।

अपने दावे की पुस्टि के लिए यह लोग अंग्रेजी में लिखी आरबीआई की गाइडलाइन मेल या व्हाट्सएप पर भेजते थे। ठगी के बाद संबंधित नंबरों को बंद किया गया जाता था और नया सिम इस्तेमाल किया जाता था। अक्षरधाम मंदिर के केयरटेकर को भी इन लोगों ने आरबीआई की गाइडलाइन भेजकर ही झांसे में लिया था।

उन्होंने कहा कि आज 25 जुलाई को दिल्ली के अक्षरधाम मंदिर के केयरटेकर मंडावली निवासी ज्योतिदर मुकुंदराय के पास फोन काल आयीं, कॉलर ने कहा कि वह इंश्योरेंस कंपनी से बोल रहा है। उत्तर प्रदेश सरकार ने पेंशन योजना चलाई है जिसके तहत उम्र भर 3000 प्रतिमाह पेंशन मिलेगी जिससे वे झांसे में आ गए। जिसके बाद प्रीमियम के नाम पर कई टुकड़ों में उनसे 138000 रुपए ऐंठ लिए। इसके बाद फर्जी रसीद भेज दी।

बीमा कंपनी में काम करने वाले उनके रिश्तेदार ने रसीद देखी तो बताया कि यह फर्जी है। तब उन्होंने दिल्ली के थाना मंडावली में मुकदमा दर्ज कराया। एक महीने तक काल आते रहे। मुकदमा दर्ज करने के बाद दिल्ली पुलिस जांच में लगी थी कॉल डिटेल निकलवाई तो पता चला कि फोन नंबर बरेली के हैं।

सोमवार को दिल्ली पुलिस की टीम बरेली पहुंची और थाना बारादरी व् सर्विलांस के जरिये से उन नंबरों की लोकेशन ईसाईयों की पुलिया के पास खान मार्केट में मिली। सोमवार शाम पुलिस ने खान मार्केट में छापामारी की तो पता चला कि एक कॉल सेंटर बना लिया था ओर वहीं से फोन किए जाते थे।