कानपुर। किसी जमाने में बीहड़ में आतंक का पर्याय रहे पूर्व डकैत मलखान सिंह का खून पुलवामा घटना को लेकर खौल रहा है। उन्होंने सरकार से मांग की है कि पाकिस्तान से बदला लेने के लिए उन्हें और उनके साथ 700 बागियों को बार्डर पर भेजा जाए। वह देश की सुरक्षा के लिए मरने को भी तैयार हैं।
मलखान सिंह पुलवामा हमले में शहीद हुए सैनिको को श्रद्धांजलि देने के लिए कानपुर पहुंचे। इस दौरान जब मलखान से पूछा गया कि कितनो को मारोगो तो उनका जवाब था कि हम अनाड़ी नहींहैं, हमने पंद्रह साल तक चंबल घाटी में कोई कथा नहीं बांची।
एक सवाल के जवाब में मलखान सिंह ने कहा कि चुनाव तो होते ही रहेंगे, लेकिन पहले सरकार को कश्मीर का बदला लेना चाहिए। राजनीति में आने के सवाल पर उनका जवाब था कि जो पार्टी वादा करके उनको पूरा नहीं करती वह हार जाती है जैसे बीजेपी राजस्थान, छत्तीसगढ़, मध्य प्रदेश में चुनाव हार गई। अगर वो फिर वायदे करेगी और उनको पूरा नहीं करेगी तो उसकी हार पक्की है।
मालूम हो कि पूर्व दस्यु सरगना मलखान सिंह ने सन 1982 में मुख्यमंत्री अर्जुन सिंह के समय आत्मसमर्पण किया था।