क्षत्रिय महासभा के बांदा जिलाध्यक्ष नरेंद्र सिंह परिहार सहित महासभा के तमाम पदाधिकारियों ने वर वधु दोनों को ही आशीर्वाद दिया। साथ ही कहा कि बुंदेली धरती से शुरू हुआ यह शुभ कार्य देश-प्रदेश तक फैलाया जाएगा। कहा कि कम उम्र में विधवा होने वाली बेटियों की उपेक्षा और दशा पर हम मूकदर्शक नहीं रह सकते।
मायके से भी अच्छा लगा ससुराल
विधवा से पुन: सुहागन बनीं वंदना सिंह स्नातक हैं। अपने देवर के साथ सात फेरे लेने से पूर्व उसने बताया कि शादी के कुछ महीने बाद ही पति की मौत ने उन्हें निराश कर दिया था। लेकिन सास-ससुर सहित ससुराल के सारे सदस्य उसके संकट मोचक साबित हुए। ससुराल की भरपूर सराहना करते हुए वंदना ने कहा कि वहां का माहौल उसे मायके से भी ज्यादा अच्छा लगता था। खुशी जताई कि उसे फिर वही परिवार ससुराल के रूप में मिला है। वंदना ने कम उम्र में विधवा होने वाली युवतियों से कहा कि हौसला रखें और परिवार की मदद से नए जीवन की शुरूआत करें।