बरेली। मुस्लिम समाज में आमतौर पर पुरुषों द्वारा ही तीन तलाक दिए जाने के मामले सामने आते हैं, लेकिन उत्तर प्रदेश में बरेली जिले के शेरगढ़ इलाके में एक महिला ने अपने पति को फोन पर तीन तलाक दे दिया।
हालांकि उलेमा ने इसे शरीयत के आधार पर जायज नहीं माना है। उधर, पीड़ित पति की शिकायत पर बरेली के वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक (एसएसपी) रोहित सिंह सजवान ने भी शेरगढ़ पुलिस को जांच के आदेश दिए हैं।
शेरगढ़ थाना क्षेत्र के मोहम्मदपुर में रहने वाले बब्बू टेलर ने सजवान को दिए शिकायती पत्र में कहा कि वह कपड़ों की सिलाई का काम करता है और तीन साल पहले उनकी शादी हुई थी। शादी के बाद से ही उसकी पत्नी उसे प्रताड़ित करती थी और विरोध करने पर झूठे केस में फंसाने की धमकी देती है।
इतना ही नहीं उसने अपने मायके वालों को बुला लिया, जिन्होंने उसके घरवालों से बदसलूकी की और उसकी गैरमौजूदगी में पत्नी घर से सारे जेवर और बीस हजार रूपए लेकर मायके वालों के साथ चली गई।
दुकान से लौटकर जब उसने पत्नी को फोन किया तो उसने अपने जेवर और नकदी देने से इनकार करते हुए फोन पर ही उसे तीन तलाक बोल दिया। पीड़ित टेलर की पुलिस से मांग है कि तीन तलाक को नाजायज ठहराकर उसके जेवरात और बीस हजार रूपया दिलाया जाए।
इस बीच शहर इमाम शाही जमा मस्जिद मुफ़्ती खुर्शीद आलम ने बताया कि वैसे तो औरत को तलाक देने का हक़ नहीं है, लेकिन अगर निकाह के वख्त ही करार में शौहर ने उसे तलाक देने का अधिकार दिया ही तो बीबी उसे तफवीजे तलाक देकर आजादी हासिल कर सकती है।