अमरोहा। प्रेमी के साथ मिलकर माता-पिता समेत परिवार के सात लोगों की हत्या करने वाली शबनम को फांसी की सजा सुनाई गई है। उसे मथुरा जेल में फांसी दी जाएगी।
इसी बीच अयोध्या के परमहंस दास ने शबनम की फांसी की सजा माफ करने की मांग की है।
मथुरा जेल में शबनम को फांसी देने की तैयारियां जारी है। हालांकि शबनम ने जान बख्श देने की गुहार लगाते हुए दुबारा दया याचिका दायर की है। शबनम के बेटे ने भी राष्ट्रपति से फांसी की सजा माफ करने की अपील की है।
शबनम ने साल 2008 में अपने ही परिवार के 7 लोगों की बेरहमी से हत्या कर दी थी। इनमें 6 जनों को कुल्हाड़ी से काट डाला जबकि नन्हे भतीजे को गला दबाकर मार दिया। शबनम बिन ब्याहे गर्भवती थी। घरवाले उसके प्रेमी से शादी करने को तैयार नहीं थे। इसी बात का बदला लेने के लिए शबनम ने पूरे परिवार को खत्म कर दिया।
अदालत ने उसे फांसी की सजा सुनाई। वह देश की पहली ऐसी महिला है जिसे फांसी दी जानी है। सुप्रीम कोर्ट से पुर्नविचार याचिका खारिज के साथ ही राष्ट्रपति ने भी शबनम की दया याचिका को खारिज कर दिया है। हालांकि कोर्ट ने अभी शबनम के डेथ वारंट जारी नहीं किए हैं।
खबरों के अनुसार अयोध्या के परमहंस दास ने शनिवार को कहा है कि शबनम की फांसी की सजा टाल दी जाए, उसे माफ कर दिया जाए। संत परमहंस दास ने अपील की है कि शबनम को महिला होने के चलते माफी दी जाए। उन्होंने कहा कि देश में पहली बार किसी महिला को फांसी होने जा रही है।
परमहंस दास ने कहा कि महिला की जगह वेदों और पुराणों में भी पुरुषों से हजार गुना ज्यादा है। उनका कहना है कि हिंदू धर्माचार्य होने के नाते वह राष्ट्रपति से अपील करते हैं कि शबनम की दया याचिका स्वीकार की जाए।