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दूल्हे ने बारात में डीजे बजवाया तो मौलवी भड़का, निकाह पढ़ाने से इंकार

 

अमेठी :  शादी में तेज आवाज में डीजे बजाने पर पाबंदी है. जब एक विवाह में तेज आवाज में डीजे बजाकर दूल्हे ने बारात निकाली तो मौलवी ने निकाह पढ़ने से इंकार कर दिया. इसके बाद बिना निकाह के ही बाराती दुल्हन लेकर चले गए और लड़की के ससुराल में निकाह समपन्न हुआ.

दरअसल, अमेठी में मुस्लिम समुदाय ने शादी में फिजूलखर्ची रोकने के लिए अपना कानून बनाया है. इस कानून के अनुसार डीजे पर पाबंदी है.

मामला जगदीशपुर कोतवाली क्षेत्र के हारिमऊ गांव का है. जहां पर एक दिन पहले इसी गांव में मों शरीफ की पुत्री का निकाह था. बारात वाले भी पूरे धूमधाम से डीजें और गाजे़ बातें के साथ बारात लेकर पहुंचे थे. जिसके बाद वहां पर मौजूद मौलवी ने निकाह पढ़ने से इनकार कर दिया. घंटों बाद भी जब निकाहनहीं पढ़ाया गया तो लड़की के परिजनों ने दूसरे मौलवी को बुलाकर लड़की की ससुराल में अपनी लड़की का निकाह संपन्न कराया. अबइस पूरे मामले पर लड़की के परिजनों ने मौलानाओं पर बड़ा आरोप लगाया है.

लड़की के पिता मोहम्मद शरीफ का कहना है कि बारात वाले डीजे और बजे के साथ आए थे. जिसके बाद जब हम मौलवी के पास गए तो उन्होंने निकाह पढ़ने से इनकार कर दिया. हमने उनसे जब बार-बार कहा तो उन्होंने कहा कि अगर डीजे रहेगा तो हम निकाह नहीं पढ़ाएंगे. फिर बाद में हमने दूसरे मौलवी को बुलाकर निकाह संपन्न कराया.

 

पिता ने यह भी आरोप लगाया कि मौलाना ने दोनों परिवारों से 11-11 हजार देने की शर्त पर ही निकाह पढ़ाने की बात कही. क्या इस्लाम कानून यही बताता है कि पैसा लेकर निकाह कराया जाए. हमारी जो बदनामी हुई है उसका जिम्मेदार कौन होगा. हमारे जो बाराती आए थे वह बिना खाना खाए चले गए. हमारा खाना बर्बाद हुआ और हमारी सारी व्यवस्थाएं चौपट हो गई, आखिर इसका जिम्मेदार कौन होगा.

सभी करें नियम पालन
गांव के इमाम मोहम्मद हफीज अब्दुल बासिद ने कहा कि हमारे गांव में बारात आई थी. मैं इस गांव का इमाम हूं पहले ही जब इसके लिए आदेश जारी हो गया था की शादी विवाह में डीजे बैंड बाजे पूरी तरीके से प्रतिबंध रहेंगे. उसके बाद भी लड़की पक्ष और लड़का पक्ष के लोगों ने इस नियम का उल्लंघन किया. जिसके बाद हमने निकाह नहीं पढ़ाया. यह कानून सबके लिए जारी किया गया है और सभी को इसका पालन करना होगा.