प्रयागराज। प्रयागराज किन्नर अखाड़ा की महामंडलेश्वर टीना मां ने कहा कि राष्ट्र ध्वज तिरंगा से शादी करने का मतलब देश के प्रति समर्पण की भावना है।
प्रतापगढ़ में पट्टी तहसील के उडैयाड़ीह बाजार में गणतंत्र दिवस पर किन्नर मिथुन उर्फ मनीषा के तिरंगा से विवाह करने पर महामंडलेश्वर टीना मां ने यहां कहा कि किसी किन्नर का “तिरंगा” से विवाह करना देश के प्रति प्रेम और समर्पण भावना है।
तिरंगे को पति मानने का मतलब आवश्यकता पड़ने पर देश के लिए अपने आप का बलिदान करने से भी पीछे नहीं हटने की एक कसम भी है। जिस प्रकार एक पत्नी अपने पति के लिए अपना सब कुछ न्योछावर करने से पीछे नहीं हटती उसी प्रकार तिरंगा से विवाह कर देश हित के लिए किन्नर समाज किसी भी स्थिति का सामना करने को तैयार है।
उन्होने कहा कि जिस प्रकार देशवासियों के लिए देश की एकता और अखंडता सर्वोपरि है उसी प्रकार किसी किन्नर के लिए राष्ट्र का सम्मान “तिरंगा” से विवाह करने का मतलब उसके सम्मान को सर्वोपरि रखना है। जिस प्रकार एक शादी-शुदा औरत अपने कुटुम्ब के आन,बान और शान और सुरक्षा के लिए किसी भी कुर्बानी से पीछे नहीं हटती उसी प्रकार तिरंगा से शादी कर वह देश के लिए हर प्रकार की कुर्बानी से पीछे नहीं हटेगी।
गौरतलब है कि गणतंत्र दिवस के अवसर पर प्रतापगढ़ जिले में पट्टी तहसील के उडैयाड़ीह बाजार में रविवार को मंडप सजाया गया और उसमें किन्नर मिथुन उर्फ मनीषा काे बैठकर पुरोहित ने विधि-विधान से शादी के मंत्र पढ़कर तिरंगा के साथ विवाह कराया। तिरंगे में लगे सिंदूर से मनीषा ने अपनी मांग भरी। इस अवसर पर पड़ोसी जिला सुल्तानपुर से भी आए किन्नरों ने भी इसमें हिस्सा लिया। क्षेत्र में यह शादी चर्चा का विषय बना हुआ है।