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मौतों का आंकड़ा 24 तक पहुंचा, गांव में मच गया हाहाकार

कासगंज। उत्तर प्रदेश के कासगंज जिले में शनिवार सुबह बड़ा हादसा हो गया। ट्रैक्टर-ट्रॉली से जा रहे श्रद्धालुओं के लिए तालाब ही जलसमाधि बन गया। अनियंत्रित ट्रैक्टर-ट्रॉली जब तालाब में गिरी तो चीखों के शोर से लोग दहल गए। राहगीरों की भीड़ जमा हुई। पुलिस को सूचना देने के साथ ही बचाव कार्य शुरू कर दिया गया। एक-एक कर तालाब से लोगों को निकालना शुरू किया गया। महिलाओं और बच्चों की लाशें जब निकलीं तो रेस्क्यू कर रहे मददगारों के पैर भी कांप गए। सूचना मिलते ही पुलिस मौके पर पहुंच गई। आनन-फानन में लोगों को अस्पताल भेजा गया। अस्पताल में डॉक्टरों ने सात बच्चों सहित 24 लोगों को मृत घोषित कर दिया है।

कासगंज के पटियाली दरियावगंज मार्ग पर शनिवार सुबह करीब 10 बजे बेकाबू ट्रैक्टर ट्रॉली तालाब में गिर गई। ट्रॉली में सवार 24 श्रद्धालुओं की मौत हो गई है। घटनास्थल पर अपरा तफरी और चीख पुकार मची है।
आसपास के ग्रामीण और पुलिसकर्मी राहत और बचाव कार्य में जुटे हैं। पटियाली के स्वास्थ्य केंद्र पर तालाब से निकाले श्रद्धालुओं को भेजा गया है। अब तक 24 श्रद्धालुओं की मौत हो चुकी है।
मृतकों में महिलाएं और बच्चे भी शामिल हैं। श्रद्धालु एटा जिले के कहा गांव के बताए जा रहे हैं।
कासगंज जिले में हुई दर्दनाक हादसे में मौत की सूचनाएं जैसे-जैसे पुष्ट होती गईं, मृतकों के परिवारों की महिलाओं के चीत्कारों और मातम से नगला कसा दहल उठा। चार गांव के लोग इस ट्रैक्टर ट्रॉली से गंगा स्नान को जा रहे थे। जिसमें नगला कसा के ही सबसे अधिक 46 लोग थे। ट्रैक्टर ट्रॉली पड़ोस के गांव रोरी के रहने वाले राहुल की थी। जिसमें बच्चों को मिलाकर कुल 54 लोग सवार होकर जा रहे थे।

पूर्णमासी पर गंगा स्नान का गांव वालों ने अचानक ही विचार बना लिया और पड़ोस के गांव रोरी निवासी राहुल से बात की। वह अपनी ट्रैक्टर-ट्रॉली लेकर चलने को तैयार हो गया। उसके साथ इस गांव के तीन और लोग आए। जबकि गांव बनार और खिरिया से दो-दो लोग गंगा यात्रा में शामिल हुए। अन्य सभी 46 लोग नगला कसा के ही थे। कई लोगों का गंगा स्नान जाने का पहले से कोई विचार नहीं था। लेकिन गांव में ट्रैक्टर ट्रॉली आने और संग-साथ के लोगों को जाते देख उन्होंने भी मन बना लिया और ट्रॉली में बैठ गए। लेकिन गंगा तक पहुंचने से पहले ही काल ने इस ट्रॉली पर झपट्टा दे मारा।